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जब विरोध करना था तब राहुल और सोनिया चले गए अमेरिका, अब किसानों को भड़का रहे: कटारिया

कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा की ओर से किसान धन्यवाद ट्रैक्ट

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 05:57 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:57 AM (IST)
जब विरोध करना था तब राहुल और सोनिया चले गए अमेरिका, अब किसानों को भड़का रहे: कटारिया
जब विरोध करना था तब राहुल और सोनिया चले गए अमेरिका, अब किसानों को भड़का रहे: कटारिया

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा की ओर से किसान धन्यवाद ट्रैक्टर यात्रा निकाली गई। रैली में केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर, जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज, पूर्व विधायक बलवंत साढौरा समेत अन्य नेता पहुंचे। उन्होंने मंच से लोगों को कृषि कानूनों के फायदे बताए। बाद में शहर में ट्रैक्टर यात्रा निकालकर लघु सचिवालय में पहुंचे और पीएम को कृषि कानूनों को लागू कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इनको जीरी के पेड्डे तक का नहीं पता

केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि संसद में मैंने सोनिया गांधी से पूछा कि यदि वह जीरी का पेड्डा बता देंगी, तो मैं आपका चेला बन जाउंगा, लेकिन उन्हें कुछ नहीं पता था। भूपेंद्र हुड्डा व उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा संसद में कहते हैं कि राहुल गांधी ऐसा बीज लाएंगे, जिससे ढाई फीट का आलू होगा। जिन कानूनों का कांग्रेस विरोध कर रही है, पहले वह उसी के मैनिफेस्टो में थे। बाद में राहुल गांधी ने यह बिल फाड़ दिया था। अब भाजपा यह कानून लाई है। जब विरोध करना था तब सोनिया और राहुल दोनों अमेरिका चले गए, संसद तक नहीं आए। अब किसानों को भड़का रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने नारायणगढ़ में विरोध करने वालों को किसान का हत्यारा कहा। किसान यूनियन और कांग्रेस को कानून की पूरी जानकारी नहीं:

कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कृषि कानून के बारे में आज तक न तो किसान यूनियन बता सकी और न ही कांग्रेस बता सकी। यह क्यों खिलाफ है। बस यह कह रहे हैं कि यह कानून बर्बाद कर देगा। जबकि हकीकत यह है कि इन कानूनों को लागू किए जाने का नाम लेकर कांग्रेस ने वोट मांगी है और अब इसी कानून का विरोध कर रहे हैं।

जनता को पता था कि यह कांग्रेस वाले कुछ नहीं करेंगे। इसलिए चुनाव में उनकी ठुकाई कर दी और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास जताया। भाजपा को किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है। इसलिए ही यह कानून लागू किया गया। पहला यह किया कि हर किसान के खाते में छह हजार रुपये डाल दिए, क्योंकि देश में अधिक किसान दो एकड़ वाले हैं। यदि दो एकड़ के किसान को छह हजार रुपये मिल जाए, तो खाद बीज के पैसे तो उन्हें मिल ही जाएंगे। दूसरा यह कि किसान को प्रोफिट कैसे दें। इसके लिए कानून बनाया गया। किसानों को छूट दी गई कि वह अपनी फसल को कही भी किसी को भी बेचें। बाहर बेचो, किसी से कोई टैक्स नहीं। कुछ किसान ऑर्गेनिक खेती करते हैं। छोटे जमीदार के सामने दिक्कत है। यदि वह ऑर्गेनिक खेती करेगा, तो उसकी नहीं बिकेगी, लेकिन मंडी बाहर आ गई। तो उस किसान का फायदा है। वह किसी मशीन से टेस्ट कराएगा और अपनी ऑर्गेनिक फसल को अच्छी कीमत पर बेच सकेगा। जिले में उप्र का अनाज आता है। यदि उन्हें रोक देते हैं, तो यही के व्यापारी उनका कम कीमत पर अनाज खरीदते हैं। अभी हिमाचल प्रदेश से उनके जानकार का फोन आया कि उनका नाम यहां डलवा दो। उनका नाम डलवाया, क्योंकि अब किसान कही भी फसल बेच सकता है। एक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को बहकाया जा रहा है। कह रहे हैं कि यह किसान को बधुआ मजदूर बना देगी। दो ही नाम इन्हें याद हैं कि अडानी अंबानी आएंगे। जबकि इस कानून में है कि कोई भी किसान से कॉन्ट्रैक्ट करें, तो वह फसल का करेगा, जमीन का नहीं। उसमें भी पांच साल तक का ही कॉन्ट्रैक्ट होगा। यदि किसान का कॉन्ट्रैक्ट हो गया और कोई विपदा आ गई, तो किसान को उस कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि किसान का पेमेंट लेट होगा, तो उसे ब्याज नहीं देना होगा। इसमें ही कानून बनाया कि यदि कोई विवाद होगा, तो इसके लिए एसडीएम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह इसलिए किया गया है कि कॉन्ट्रैक्टर मजबूत है और उसके पास वकील हैं। किसान के पास नहीं है। यह सभी कानून किसान के हित के लिए बनाए हैं।


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