जजपा जिलाध्यक्ष का बेटा फरार, ग्रामीणों को धमकी देने के आरोपित दो गिरफ्तार
यमुनानगर दमोपुरा में खनन के ओवरलोड वाहनों को रोकने पर ग्रामीणों को धमकाने के मामले में दो आरोपि पकड़े गए हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
दमोपुरा में खनन के ओवरलोड वाहनों को रोकने पर ग्रामीणों को धमकी देने के मामले में दो आरोपितों बूड़िया निवासी रामकुमार व अनिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। दोनों आरोपित सगे भाई है। थाना प्रभारी को आरोपित रामकुमार ने धमकाया था। बूड़िया थाना प्रभारी लज्जा राम को पिस्टल दिखाने का आरोपित जजपा जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक अर्जुन सिंह का बेटा भूपेंद्र व एक अन्य सचिन फरार हैं। इन चारों पर दमोपुरा सरपंच प्रतिनिधि बलराम की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। उधर, इस मामले में जजपा जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने प्रेसवार्ता की और बेटे को बेकसूर बताया। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही बताई और निष्पक्ष जांच की मांग। वहीं थाना प्रभारी लज्जा राम को गृह मंत्री अनिल विज के ओएसडी के नाम से फर्जी कॉल करने वाले मामले की जांच सीआइए वन के इंस्पेक्टर मनोज कुमार कर रहे हैं। अभी पुलिस इस बारे में कुछ अधिक नहीं बोल रही है। बताया जा रहा है कि आरोपितों में से ही किसी ने यह कॉल की थी। जिसमें थाना प्रभारी लज्जा राम को ओएसडी बनकर धमकी दी गई थी। सीआइए वन के इंचार्ज मनोज कुमार का कहना है कि पकड़े गए दोनों आरोपितों को शामिल तफ्तीश किया जाएगा। इसके बाद से ही फर्जी कॉल करने वाले का पता लग सकेगा। जजपा जिलाध्यक्ष के बेटे भूपेंद्र सिंह ने जिस ट्रैक्टर चालक दमोपुरा निवासी रिकू को जान से मारने की धमकी दी। उसकी ओर से भी पुलिस को शिकायत दी गई है। जिसमें कहा गया है कि 26 अक्टूबर की रात को वह गांव के चौराहे पर था। वहां पर थाना प्रभारी व पीसीआर भी मौजूद थी। तभी पूर्व विधायक का लड़का भूपेंद्र सिंह तीन अन्य युवकों के साथ आया और उस पर हमला किया। आरोप है कि उस पर रिवाल्वर तानी। जिसे थाना प्रभारी ने जब्त किया। पुलिस के सामने रास्ता रोक रखा ग्रामीणों ने : जजपा जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने इस पूरे मामले पर प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि उनके बेटा बेकसूर है। रात को वह भी थाने में गए थे। जहां पुलिस ने खुद उनके बेटे को बेकसूर बताते हुए छोड़ा था। सोमवार की रात को बेटा स्टोन क्रशर से वापस आ रहा था। पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों ने रास्ता रोक रखा था। केवल उन्हें रास्ता खोलने के लिए कहा गया था। वीडियो मैंने भी देखा है कि उसमें न तो पिस्टल निकाला और न ही कोई गोली चलाई। पिस्टल का लाइसेंस है। यह सुरक्षा के लिए रखा हुआ है। यदि पिस्टल रखना गलत है, तो फिर वह भी अपना लाइसेंस प्रशासन के हैंडओवर कर देंगे। ग्रामीणों ने उनके बेटे को घेर लिया था। पुलिस की मौजूदगी में यह सब हुआ। अब उनके ही बेटे को फंसा दिया गया। उनका बेटा स्टोन क्रशर से 98 हजार रुपये लेकर आया था। वह भी उसकी कार से गायब हो गए। इस पूरे मामले की प्रशासन को गहनता से छानबीन करनी चाहिए। जो लोग गांव में रास्ता रोके हुए खड़े थे। वह खुद खनन का काम करते हैं। इनमें भी दूसरे गांव के युवक शामिल थे। पुलिस की इसमें लापरवाही है। पुलिस को रास्ता खुलवाना चाहिए था। विधायक ने एक पर्ची भी दिखाई, जिसमें वीडियो में दिख रहे युवकों के नाम है। उनकी जांच कराने की भी मांग की है। इस दौरान उनके साथ ओपी लाठर, रमेश दमोपुरा, नकली राम, अवनीश, गुरनाम सिंह भी मौजूद रहे।