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एलईडी से रोशन होगी जगाधरी वर्कशाप, मुफ्त में बदली जाएंगी सभी लाइट

उत्तर रेलवे की जगाधरी वर्कशाप जल्द ही एलईडी लाइटों से रोशन होगी। खास बात ये है कि वर्कशाप में फिलहाल जो सोडियम लाइट या फिर सामान्य बल्ब लगे हुए हैं उन्हें बिना एक रुपया खर्च किए बदला जाएगा। इसके लिए रेलवे ने मै. ईईएसएल कंपनी को ठेका दिया है। एलईडी लाइट लगने के बाद वर्कशाप का लाइट लोड 70 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। इसके अलावा बिजली खपत कम करने के लिए जगाधरी वर्कशाप में सोलर सिस्टम को लगाया जा रहा है। अभी जगाधरी वर्कशाप के कार्यालयों, शॉप, स्ट्रीट लाइट, शेड व टॉवर में जो बल्ब लगे हुए हैं वो सोडियम के हैं। इनकी बिजली खपत बहुत ज्यादा है। दूसरा सोडियम लाइट से आसपास का तापमान भी काफी बढ़ जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 12:02 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:02 AM (IST)
एलईडी से रोशन होगी जगाधरी वर्कशाप, मुफ्त में बदली जाएंगी सभी लाइट
एलईडी से रोशन होगी जगाधरी वर्कशाप, मुफ्त में बदली जाएंगी सभी लाइट

राजेश कुमार, यमुनानगर

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उत्तर रेलवे की जगाधरी वर्कशाप जल्द ही एलईडी लाइटों से रोशन होगी। खास बात ये है कि वर्कशाप में फिलहाल जो सोडियम लाइट या फिर सामान्य बल्ब लगे हुए हैं उन्हें बिना एक रुपया खर्च किए बदला जाएगा। इसके लिए रेलवे ने मै. ईईएसएल कंपनी को ठेका दिया है। एलईडी लाइट लगने के बाद वर्कशाप का लाइट लोड 70 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। इसके अलावा बिजली खपत कम करने के लिए जगाधरी वर्कशाप में सोलर सिस्टम को लगाया जा रहा है। अभी जगाधरी वर्कशाप के कार्यालयों, शॉप, स्ट्रीट लाइट, शेड व टॉवर में जो बल्ब लगे हुए हैं वो सोडियम के हैं। इनकी बिजली खपत बहुत ज्यादा है। दूसरा सोडियम लाइट से आसपास का तापमान भी काफी बढ़ जाता है। अब सभी लाइट को एलईडी में बदला जाएगा। जो एलइडी लगाई जाएंगी वो 9 वाट से 160 वाट की होंगी। मै. ईईएसएल कंपनी अपने खर्च पर सभी लाइटों को बदलेगी। एलईडी लगाने के बाद बिजली बिल में हर माह जितनी बचत होगी उसमें से कंपनी को भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान तब तक किया जाएगा जब तक एलइडी लगाने की लागत पूरी नहीं हो जाती। वर्कशाप में लगेगा दो एमवीए का सोलर सिस्टम : वर्कशाप में बिजली बचत के लिए भी कदम उठाया जा रहा है। सभी लाइट व कार्यालय का कार्य बिना बिजली के हो सके इसके लिए 1.5 मेगावाट का सोलर सिस्टम लगाया जा रहा है। इसके बाद दो एमवीए का सोलर सिस्टम अलग से लगाया जाएगा। सोलर से पैदा होने वाली बिजली को ग्रिड में भेजा जाएगा। कितनी बिजली ग्रिड को दी गई है इसके लिए वहां पर अलग से मीटर लगाया जाएगा, ताकि जगाधरी वर्कशाप को दी व ली गई बिजली का लेखा जोखा रहे। जितनी बिजली ग्रिड को दी जाएगी उसका उतना बिजली बिल कम हो जाएगा। जगाधरी वर्कशाप की बिजली निगम से 5200 केवीए कांट्रेक्ट डिमांड (अधिकतम लोड) है। रूटीन में 13288 किलोवाट बिजली की जरूरत पड़ती है। हमने भी पत्र लिखा था : देव शंकर उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के शाखा अध्यक्ष देव शंकर का कहना है कि जगाधरी वर्कशाप में सोलर सिस्टम लगने से बिजली की खपत काफी कम हो जाएगी। हमारी यूनियन ने भी 23 फरवरी 2016 को देश के प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखा था, जिसमें यूनियन ने मांग की थी कि वर्कशाप में सोलर सिस्टम लगाया जाए। एलईडी लाइट लगाई जाएंगी : सेंगर जगाधरी वर्कशाप के सीडब्ल्यूएम आरके सेंगर का कहना है कि वर्कशाप में लगी सभी लाइटों को एलईडी में बदला जाएगा। एलइडी लगने से रोशनी तो ज्यादा होगी ही साथ में लाइट लोड भी आधे से ज्यादा कम हो जाएगा।


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