गाय व बेटी दोनों की रक्षा करना जरूरी : ठाकुर
वर्तमान समय में समाज में गाय व कन्याओं की स्थिति दयनीय हो रही है। लोग पश्चिमी संस्कृति के रंग में रंगकर अपने धर्म व संस्कारों से विमुख हो रहे है।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : वर्तमान समय में समाज में गाय व कन्याओं की स्थिति दयनीय हो रही है। लोग पश्चिमी संस्कृति के रंग में रंगकर अपने धर्म व संस्कारों से विमुख हो रहे है। बेटी का विवाह धन के लालच में, अधर्मी व्यक्ति से कर दिया जाता है। मौजूदा समय में देश को बचाना है तो सबसे पहले गाय व बेटी दोनों की रक्षा करनी अति आवश्यक है। यह बात कथा वाचक हरिरंग ठाकुर ने अजीजपुर गांव आयोजित श्रीमद् भागवत भक्ति ज्ञान यज्ञ के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि समाज में गो माता व कन्या देवी के साथ अन्याय समाज के अनपढ़ व्यक्ति नही अपितु शिक्षित समाज कर रहा है। अनपढ़ व्यक्ति तो ऐसे कुकर्म करने से बचता है। हमारे प्राचीन धार्मिक शास्त्रों में बेटी को लक्ष्मी माना गया है। जब विवाह समारोह आयोजन किया जाता है तो अग्नि के सामने हवन यज्ञ के सामने बेटी को बिठाया जाता है। वह लक्ष्मी रूपा है और वर नारायाण रूप है। हमारे धर्म में 16 संस्कार है। चार आश्रम है जिनके अनुसार हमारा जीवन यापन होता है। हमारी शिक्षा पद्धति के कारण आज देखा जाए तो समाज में हर तरफ सांस्कृतिक उपद्रव, आतंकवाद फैला हुआ है। मौके पर रामचंद्र शास्त्री, सुनील शर्मा, अनिल शर्मा, चेतन शर्मा, अमित कुमार, संजीव कुमार, नरेश कुमार, नीरज कुमार, अभिषेक, अंजू बाला, कविता, शीतल, शिखा, सुनीता, संतोष, शिमला व अन्य उपस्थित थे।