अधिकारियों पर कार्रवाई से बच रहा सिचाई विभाग, नोटिस के बाद ठंडे बस्ते में मामला
नोटिस मिलने के 15 दिन बाद भी न तो संबंधित विभाग खुद हरकत में आए और न ही सिचाई विभाग ने कोई अगला कदम उठाया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
यमुना नहर को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सिचाई विभाग ने तीन विभागों के अधिकारियों को नोटिस भेजकर चुप्पी साध ली। नोटिस मिलने के 15 दिन बाद भी न तो संबंधित विभाग खुद हरकत में आए और न ही सिचाई विभाग ने कोई अगला कदम उठाया। अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। नहर में गिर रहे नालों के केमिकल युक्त व दूषित पानी को रोकने के लिए 17 जुलाई को सिचाई विभाग की ओर से नगर निगम ईओ, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एक्सईएन, नपा रादौर, बीडीपीओ रादौर, जगाधरी व छछरौली को नाले बंद करने के लिए अंतिम नोटिस दिया है। साथ ही नालों को जल्द बंद न करवाने पर एफआइआर दर्ज करवाने की बात लिखित में कहीं थी। यहां-यहां गिर रहे नाले :
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी नहर में गिराने पर नपा रादौर, कुंजल और पताशगढ़ गांव से दूषित पानी गिराने पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रादौर, बूड़िया, दड़वा, दड़वा माजरी, आजाद नगर, मुंडा माजरा, खालसा कॉलेज के पास व हमीदा के समीप से गिर रहे नाले को लेकर कार्यकारी अधिकारी नगर निगम, एसपीटी परवालों, बाडी माजरा व जम्मू कालोनी से गिराए जा रहे पानी को लेकर कार्यकारी अभियंता जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग और दादुपुर, किशनपुरा माजरा, खारवन, फतेहगढ़, अमादलपुर, तपाशगढ़ व नया गांव से गिर रहे नाले को लेर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी जगाधरी व छछरौली को नोटिस जारी किया गया है। इन बीमारियों का खतरा
इंडस्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी कैंसर, किडनी फेल होना, फेफड़े सहित अन्य बीमारियों का कारण बनता है। जगाधरी में मेटल की सैकड़ों छोटी-बड़ी इकाईयां हैं। अधिकांश में इटीपी की व्यवस्था नहीं है। यहां से बिना ट्रीट हुए पानी नालों में गिर रहा है। इससे जलीय जीवों का जीवन संकट में है। हालांकि जगाधरी में इटीपी लगाने की योजना बनी थी, लेकिन यह भी सिरे नहीं चढ़ पाई। मेटल इकाइयों के अलावा प्लाईवुड इकाइयों से केमिकल युक्त पानी नहर में गिराया जा रहा है। यह योजना भी नहीं चढ़ पाई सिरे
नगर निगम एरिया से निकल रहे नालों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डाइवर्ट करने के लिए पश्चिमी यमुना नहर की पटरी के साथ-साथ पाइप लाइन बिछाने की योजना भी बनी। पाइप भी साइट पर पहुंच गए और काम भी शुरू हो गया था, लेकिन सिचाई विभाग से अनुमति न मिलने के कारण यह भी अधर में लटकी पड़ी है। नगर निगम अधिकारी आज तक सिचाई विभाग से अनुमति नहीं ले पाए।
अधिकारियों से करेंगे बात
यमुना नहर में छोड़े जा रहे केमिकल युक्त व दूषित पानी के बहाव को रोका जाना जरूरी है। इसके लिए संबंधित विभागों को अंतिम नोटिस जारी किया है। आगामी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों से बात करेंगे।
हरिदेव कांबोज, एक्सईएन, सिचाई विभाग।