सुरक्षा जननी योजना में जांच 79 महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच, 30 में मिली रक्त की कमी
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना में जिला अस्पताल में मासिक कैंप का आयोजन सोमवार को हुआ। 79 महिलाओं ने नाम पंजीकृत कराए। जांच के दौरान 30 महिलाओं में रक्त की कमी पाई गई। डॉ. मीनू व डॉ. जाहिरा ने जांच के बाद बताया कि गर्भावस्था के दौरान रक्त की कमी नहीं होनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना में जिला अस्पताल में मासिक कैंप का आयोजन सोमवार को हुआ। 79 महिलाओं ने नाम पंजीकृत कराए। जांच के दौरान 30 महिलाओं में रक्त की कमी पाई गई। डॉ. मीनू व डॉ. जाहिरा ने जांच के बाद बताया कि गर्भावस्था के दौरान रक्त की कमी नहीं होनी चाहिए। इससे कमजोरी आती है। इसकी पूर्ति के लिए नियमित दवाई का सेवन करें। साथ ही भोजन में हरी सब्जियों के प्रयोग करने की सलाह भी दी। महिलाओं ने काउंसलिग में उनको बताया कि वे परिवार का ध्यान रखती हैं। खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय नहीं मिलता। इस पर चिकित्सक ने उनको सुझाव दिया कि परिवार का वे भी अहम हिस्सा है। किसी के बिना कहे अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराई चाहिए। इस दौरान कई महिलाओं के अल्ट्रासाउंड की गई। जांच के लिए आई पिकी, सायरा ने बताया कि वह हर माह यहां चैकअप कराने आती हैं। जरूरत अनुसार चिकित्सक की ओर से दवाई दी जाती है। एचआइवी की जांच भी मासिक चैकअप में होती है। इनकी भी रही ड्यूटी
लैब से मोनिका, इंदू, सक्षम मुक्ता, एमपीएचडब्ल्यू अंजू ने ड्यूटी की। अंजू ने मरीजों के नाम पंजीकृत किए। इनके ब्लडप्रेशर जांच की। काउंसलर सोनाली शर्मा, रितु शर्मा ने बताया कि वह गर्भवती महिलाओं की काउंसलिग करती हैं। उनको परिवार नियोजन के बारे में बताती है। उनकी ओर से बताया कि जाता है कि पहले और दूसरे बच्चे में तीन से पांच साल का अंतर होना चाहिए। इससे शारीरिक रूप से महिलाएं ठीक रहती हैं।