बच्चों को देनी चाहिए भारतीय संस्कृति की जानकारी
हमारा भारतीय नव वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा विक्रमी संवत 2076 का आगमन हनुमान गेट स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
जागरण संवाददाता, जगाधरी : हमारा भारतीय नव वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा विक्रमी संवत 2076 का आगमन हनुमान गेट स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसका आगा•ा वैदिक परंपरा के अनुकूल हवन व पूजन विधि से किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान संत समाज ने सर्व कल्याण के लिए मार्मिक संदेश दिया। मूल्यों को पीछे छोड़कर हम ऐसी दौड़ में शामिल हो चुके हैं, जिसकी मंजिल केवल विनाश है। हमारे भारत की सनातन व पुरातन संस्कृति जो इसकी पहचान है,अब कहीं खो गई है। अगर इसी तरह हमने अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति से जुदा रखा तो हम अपनी भावी पीढ़ी से कोई अच्छे संस्कारों की उम्मीद नहीं रख सकते यदि हम भारत को पुन: प्रकाशमान व महिमामंडित सोने की चिड़िया की उपाधि देना चाहते हैं तो हमें इसकी ऋषि परंपरा इसे लौटानी होगी, जो भारत का आधार स्तंभ है।अगर ऋषि परंपरा के अनुकूल वैदिक आचरण हम अपने जीवन में लेकर आते हैं तो हमारा परिवार, समाज, देश व संपूर्ण विश्व सुरक्षित हो जाएगा और भारत दोबारा विश्व का हृदय कहलायेगा, जिससे संपूर्ण विश्व को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण नवजीवन मिलता है।हमारे संत- महापुरुष जो वैदिक ब्रह्मज्ञान के द्वारा आंतरिक क्रांति लाते हैं, उनकी शरण में हमें जाना होगा और भक्ति व श्रद्धा से अपने भारत को उसकी असली पहचान दिलानी होगी।भारत का मकसद पाश्चात्य संस्कृति का खंडन करना नहीं है,अपितु अपनी संस्कृति को महत्व देकर वैदिक परंपरा को अपनाने से ही भारत वास्तविकता में देना ही भारतीय कहलाएगा। इस मौके पर डॉ. ऋषि राज वशिष्ठ(चेयरमैन भारतीय चिकित्सा पद्धति), मलिक रोजी आनंद(चेयरपर्सन समाज कल्याण बोर्ड)पंडित उदयवीर शास्त्री, प्रेम मित्तल, डॉक्टर वीरेंद्र गांधी, डॉ. करतार कौर, हरीश, अश्विनी गुप्ता, ललित शर्मा, आशीष मित्तल, पंकज मित्तल, विपिन गंभीर, रवि गुप्ता, कुलदीप शर्मा उपस्थित रहे।