बाढ़ आने से पहले पहुंची इंडियन रिजर्व बटालियन, जरूरत पड़ने पर तुरंत मिलेगी मदद
बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए इस बार इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) की मदद ली जाएगी। आइआरबी की 45 सदस्यों वाली टीम यमुनानगर में पहुंच चुकी है। टीम अपने साथ रबर की चार किश्तियां भी लेकर आई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब आइआरबी का सेंटर यमुनानगर में बनाया गया है। टीम बाढ़ आने से पहले ही यमुनानगर में पहुंच गई हो।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए इस बार इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) की मदद ली जाएगी। आइआरबी की 45 सदस्यों वाली टीम यमुनानगर में पहुंच चुकी है। टीम अपने साथ रबर की चार किश्तियां भी लेकर आई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब आइआरबी का सेंटर यमुनानगर में बनाया गया है। टीम बाढ़ आने से पहले ही यमुनानगर में पहुंच गई हो।
गत वर्ष जब जिला में बाढ़ आई थी तो आइआरबी की टीम करनाल से बुलानी पड़ी थी। करनाल से आने में टीम को काफी समय लग जाता है। करनाल से ज्यादा बटालियन की जरूरत यमुनानगर में है। क्योंकि भारी बरसात होने पर यहां बाढ़ आने का खतरा ज्यादा रहता है। जरूरत को देखते हुए प्रशासन ने आइआरबी को बाढ़ आने से पहले ही यमुनानगर बुला लिया है। ये टीम किश्ती के लिए भी किसी पर निर्भर नहीं रहेगी। क्योंकि अपने साथ रबड़ की चार किश्तियां साथ लेकर आई है। रबड़ की किश्ती काफी हल्की होती है। इसकी हवा निकाल कर कहीं भी ले जाया जा सकता है। कुछ मिनट में ही मोटर से इसमें हवा भरी जा सकती है। दूसरा कम पानी में आसानी से चल सकती है। वहीं, प्रशासन के पास जो किश्तियां है वो बहुत भारी हैं। उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ट्रैक्टर या जीप की जरूरत पड़ती है। भारी होने के कारण कम पानी में भी नहीं चल पाती। एफसीआर केशनी आनंद अरोड़ा ने ली रिपोर्ट :
प्रदेश की अतिरिक्त मुख्य सचिव व राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्तायुक्त केशनी आनंद अरोड़ा ने रविवार को जिला सचिवालय में मानसून मौसम के दौरान संभावित बाढ़ के खतरों से बचने के लिए समय रहते किए जा रहे प्रबंधों व उठाए जा रहे कदमों की रिपोर्ट ली। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि बाढ़ से बचने के लिए अभी तक क्या प्रबंध किए हैं। डीसी गिरीश अरोड़ा ने उन्हें बताया कि नदियों किनारे तटबंध बनाए जा रहे हैं। कुछ काम बाकी है जिन्हें तेजी से पूरा किया जा रहा है। केशनी आनंद ने आदेश दिए की जो काम रह गए हैं उन्हें 30 जून तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। मौके पर एसपी राजेश कालिया, एडीसी केके भादू, जगाधरी एसडीएम बीबी कौशिक, बिलासपुर एसडीएम नवीन आहूजा व रादौर की एसडीएम डॉ. पूजा भारती, डीआरओ हरिओम बिश्रोई, डीआइओ एएस वालिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। वायु सेना भी करेगी मदद :
केशनी आनंद ने अधिकारियों से कहा कि वे अपना सूचना तंत्र मजबूत करें। सेना, वायु सेना व एनडीआरएफ के अधिकारियों से बराबर संपर्क बनाए रखे। लोगों को नदियों में बढ़ते जलस्तर की जानकारी समय पर दें। इसके लिए हिमाचल प्रदेश व उतराखंड के ¨सचाई विभाग से भी संपर्क साधा जाए। इसके साथ ही केंद्रीय जल बोर्ड और मौसम विभाग से भी बात करतें रहे। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ से प्रभावित लोगों को उनके व्हाट्सएप ग्रुप में ¨हदी में सूचना भेजें। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रतिदिन बरसात की रिपोर्ट ऑनलाईन करें। उन्होंने कहा कि बिजली से चलने वाले पानी निकासी के पम्प सेटों के भरोसे न रहे। जनरेटर सेट या डीजल से चलने वाले पम्पों को पूरी तरह से तैयार रखे। ड्रेनों की सफाई का कार्य 25 जून तक पूरा हो जाना चाहिए। बाढ़ के दौरान हर प्रकार की खाद्य सामग्री व दवाइयां स्टॉक में रखे।