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मेडिकल उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी कम हो, स्वास्थ्य सेवाओं का बजट बढ़ाया जाए

संवाद सहयोगी, जगाधरी : एक फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jan 2018 12:58 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jan 2018 12:58 AM (IST)
मेडिकल उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी कम हो, स्वास्थ्य सेवाओं का बजट बढ़ाया जाए
मेडिकल उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी कम हो, स्वास्थ्य सेवाओं का बजट बढ़ाया जाए

संवाद सहयोगी, जगाधरी : एक फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत ही कम बजट खर्च कर रही है। सरकार को मेडिकल उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी कम करनी चाहिए साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं का बजट बढ़ाया जाना चाहिए। मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी घटाई जानी चाहिए। इसके साथ ही सरकार को स्वास्थ्य से जुड़े उन स्कीमों को लागू करना चाहिए जिसमें प्राइवेट अस्पतालों की भी भागीदारी हो।

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गरीब आदमी किसी प्राइवेट अस्पताल में जाकर न्यूनतम खर्च पर अपना इलाज करा सके। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बजट खर्च करने की जरूरत है। ताकि लोगों की प्राइवेट अस्पतालों पर निर्भरता कम हो। इस बारे में दैनिक जागरण ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया कुछ यूं दी।

स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार बहुत कम बजट खर्च कर रही है। कुल बजट का 1.8 प्रतिशत बजट ही सरकार मेडिकल पर खर्च कर रही है। सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं पर बजट बढ़ाने की जरूरत है। पहले केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई थी जिसमें महज 30 रुपए खर्च कर 30 हजार रुपए का लोग इलाज करा सकते थे। हरियाणा में यह सुविधा आम जनता को नहीं मिल रही। इस स्कीम को यहां भी लागू करने की जरूरत है। जिले में इस स्कीम के न लागू होने से करीब तीन लाख परिवारों को मेडिकल सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

डॉं अनिल अग्रवाल, संचालक अग्रवाल अस्पताल

सरकार कुल बजट का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 1.8 प्रतिशत बजट स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कर रही है। सरकार को कम से कम 8 प्रतिशत बजट स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करना चाहिए। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बजट खर्च करने की जरूरत है ताकि लोगों की प्राइवेट अस्पतालों पर कम से कम निर्भरता हो। लोग सरकारी अस्पतालों में सुविधा पाएंगे तो प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख नहीं करेंगे।

डॉ.धीरेंद्र सोनी, प्रधान आईएमए यमुनानगर

स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीबों के लिए बजट का प्रावधान किया जाए। ऐसा बजट तैयार किया जाए जिससे आम लोगों को लाभ मिल सके। मेडिकल उपकरणों पर बजट में विशेष छूट का प्रावधान हो। मेडिकल उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी कम की जाए ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ मिल सके। मेडिकल उपकरणों के खर्च का भार आम जन उठाने में असमर्थ है। इस पर एक्साइज ड्यूटी कम होने से लोगों की पहुंच में रहेगा।

डॉ. महावीर गोयल, संचालक गोयल अस्पताल

बजट में दवाइयों पर जीएसटी कम होनी चाहिए। मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी कम होनी चाहिए। इम्पोर्ट ड्यूटी कम होनी चाहिए। मेडिकल उपकरणों में खास तौर पर स्टंट, पेशमेकर व अन्य लाइफ से¨वग उपकरण हैं उन पर इंपोर्ट ड्यूटी जीरो होनी चाहिए। इसके अलावा वे बैंक जो अस्पतालों को बनाने के लिए लोन मुहैया कराते हैं उस पर सब्सिडी होनी चाहिए ताकि समाज के लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा अस्पताल खुल सकें और लोग स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ उठा सकें।

डॉ. गाबा, संचालक गाबा अस्पताल


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