ई-ट्रेडिग के विरोध में आढ़तियों ने बजाया आंदोलन का बिगुल, हड़ताल पर बैठे
जागरण संवाददाता यमुनानगर ई-ट्रेडिग और डायरेक्ट पेमेंट के विरोध में आढ़तियों ने एक बार फिर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। बधुवार को आढ़तियों ने दुकानें बंद रखी और मार्केट कमेटी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ई-ट्रेडिग और डायरेक्ट पेमेंट के विरोध में आढ़तियों ने एक बार फिर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। बधुवार को आढ़तियों ने दुकानें बंद रखी और मार्केट कमेटी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। आढ़तियों का आरोप है कि सरकार ई-ट्रेडिग के लिए दबाव बना रही है। सरकार की यह व्यवस्था आढ़ती व किसान दोनों के लिए घातक है। इसके बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक सरकार पुरानी व्यवस्था के मुताबिक काम नहीं करवाती तब तक आढ़ती हड़ताल पर रहेंगे। आढ़तियों का दमन करना चाह रही सरकार
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के जगाधरी मंडी प्रधान संदीप कुमार, सचिव भूषण लाल व कोषाध्यक्ष तेजिद्र सिंह का कहना है कि जिले में करीब 1000 आढ़ती है। सरकार के इस फैसले के विरोध में सभी एकजुट हैं। उन्होंने बताया कि नौ अप्रैल को कुरुक्षेत्र में दुकानें बंद करने का फैसला लिया था। सरकार किसान व आढ़तियों का दमन करना चाहती है। हरियाणा के किसान इतने हाइटेक नहीं हैं कि वे इस व्यवस्था को झेल सकें। किसान को अपनी फसल बेचने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। 10 दिन में एक ढेरी तक नहीं बिक पाएगी। म्हारी फसल म्हारा ब्यौरा योजना के तहत 20-30 प्रतिशत किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है। यदि सरकार यह प्रक्रिया लागू करती है तो किसान पटवारियों के फेर में ही उलझकर रह जाएंगे। मंडी में गेहूं की आवक शुरू
जिले में 13 अनाज मंडियां हैं। गेहूं की आवक शुरू हो गई है। हालांकि नमी का हवाला देते हुए एजेंसियों ने अभी खरीद शुरू नहीं की है। यदि आढ़तियों की हड़ताल जारी रहेगी तो किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। आढ़तियों ने गेहूं में नमी की बात को सिरे से नकारा और कहा कि खरीद न होने के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। समस्या का जल्द हो समाधान
आढ़ती जसबीर सिंह, प्रदीप कुमार, जरनैल सिंह, सुखदेव कांबोज, नवनीत चहल, दलजीत सिंह, नवीन कुमार व प्रवीण कुमार का कहना है कि सरकार को इस समस्या का जल्दी हल करना चाहिए। 20 दिन का सीजन है और सर्वर अकसर डाउन रहता है। ऐसे में ऑन लाइन प्रक्रिया पूरी करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को धरातल पर झांककर निर्णय लेना चाहिए।