पार्क में खुले खिड़की-झरोखों से निजता व सुकून में बाधा
पार्क के आसपास रहने वालों ने रोकटोक के अभाव में अपने भवनों के सारे खिड़की-झरोखे पार्क की तरफ खोल रखे हैं। जिससे पार्क के एकांत में सुकून व निजता की तलाश में आने वालों को यहां से निराश लौटना पड़ता है।
संवाद सहयोगी, साढौरा: पार्क के आसपास रहने वालों ने रोकटोक के अभाव में अपने भवनों के सारे खिड़की-झरोखे पार्क की तरफ खोल रखे हैं। जिससे पार्क के एकांत में सुकून व निजता की तलाश में आने वालों को यहां से निराश लौटना पड़ता है। इनसे झांकती आंखें पार्क में सुकून तलाशने वालों को निराश कर देती हैं। पार्क में शांति से समय बिताने के इच्छुक लोग भी इन मकानों से आ रहे शोर के कारण परेशान हो जाते हैं। पार्क में अवैध तौर से खिड़की-झरोखे खोलने तक ही अवैध कब्जे सीमित नहीं है। कुछ भवन मालिकों ने तो अपनी छत का पानी उतारने के पतनाले व गंदे पानी की नाली भी पार्क की तरफ खोल रखी है। जिसके कारण पार्क में गंदगी और अधिक फैल रही है। रामकुमार, सतीश व संजीव ने इस अतिक्रमण को हटाने की मांग की है