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सरपंच को बहाल करने के मामले में तत्कालीन डीसी ने हाईकोर्ट में रखा पक्ष

नाहरपुर गांव के सरपंच अशोक कुमार को बहाल करने के मामले में कैप्टन कृपाल संधू की याचिका पर तत्कालीन डीसी को जवाब देना पड़ा। उसमें उन्होंने जवाब दिया कि बिना पक्षपात के फैसला लिया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 01:40 AM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 01:40 AM (IST)
सरपंच को बहाल करने के मामले में तत्कालीन डीसी ने हाईकोर्ट में रखा पक्ष
सरपंच को बहाल करने के मामले में तत्कालीन डीसी ने हाईकोर्ट में रखा पक्ष

संवाद सहयोगी, जगाधरी : नाहरपुर गांव के सरपंच अशोक कुमार को बहाल करने के मामले में कैप्टन कृपाल संधू की याचिका पर तत्कालीन डीसी को जवाब देना पड़ा। उसमें उन्होंने जवाब दिया कि बिना पक्षपात के फैसला लिया था। उन्होंने तथ्य कोर्ट में पेश किए। उसके बाद कहा कि यदि कोर्ट को लगता है कि उनकी गलती है, तो वह खेद प्रकट करते हैं। अदालत के जो भी आदेश होंगे, वह उन्हें मान्य होगा। गांव के ही कैप्टन कृपाल ¨सह संधू ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

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दरअसल, नाहरपुर के सरपंच अशोक कुमार पर गबन के आरोप लगे थे। जांच के बाद उन्हें निलंबित किया गया था। उन पर धोखाधड़ी के दो मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं। उसके तहत उन्हें कोर्ट में मामला चलने तक बहाल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद तत्कालीन डीसी ने 16 मई, 2017 को सरपंच को बहाल कर दिया। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने को लेकर हाईकोर्ट में कैप्टन कृपाल ¨सह संधू ने याचिका लगाई, जिसमें अब तत्कालीन डीसी से जवाब मांगा गया। कैप्टन कृपाल ¨सह संधू ने बताया कि अब इस मामले में 17 जनवरी को फिर सुनवाई होगी। उनका कहना है कि अधिकारी अपने फायदे के लिए गलत कार्य करते हैं। ऐसे अधिकारियों के लिए कोर्ट का भी रास्ता है।


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