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विकास पर अफसरशाही भारी, हाउस में पास हुए प्रस्तावों पर नहीं अमल

शहर के विकास पर अफसरशाही भारी पड़ रही है। हाउस की पहली बैठक में पास हुए कार्यो पर आज तक अमल नहीं हुआ है। अब से पहले तीन बैठकें हो चुकी हैं लेकिन पहली बैठक में हुए काम भी अब तक शुरू नहीं हुए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 09:30 AM (IST)
विकास पर अफसरशाही भारी, हाउस में पास हुए प्रस्तावों पर नहीं अमल
विकास पर अफसरशाही भारी, हाउस में पास हुए प्रस्तावों पर नहीं अमल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर के विकास पर अफसरशाही भारी पड़ रही है। हाउस की पहली बैठक में पास हुए कार्यो पर आज तक अमल नहीं हुआ है। अब से पहले तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन पहली बैठक में हुए काम भी अब तक शुरू नहीं हुए। अफसरों के इस रवैए से जन प्रतिनिधियों में रोष है। विपक्ष ही नहीं, अब तो सत्ता पक्ष के पार्षद भी खुलकर विरोध करने लगे हैं। आरोप है कि शहर के विकास में निगम अधिकारियों की दिलचस्पी नहीं है। हाउस की बैठकें कागजी साबित हो रही हैं।

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14 माह में तीन बैठकें

सात जनवरी 2019 को मेयर व पार्षदों ने शपथ ली थी। पहली बैठक छह माह बाद 20 जून को हुई। उसके बाद पार्षदों द्वारा काफी हो-हल्ला करने के बाद दूसरी बैठक 11 सितंबर को हुई। तीसरी बैठक सात जनवरी 2020 को हुई। 14 माह में केवल तीन बैठकें हुई हैं, जबकि हर माह होनी जरूरी है।

पहली बैठक में पास हुए ये काम लंबित : हर वार्ड में 50-50 लाख रुपये की लागत से करवाए जाने वाले काम नहीं हुए। दड़वा गांव में 30 एकड़ जमीन पर पर्यावरण संग्रहालय बनाने व इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकास करने, एसटीपी के खराब पानी से बिजली उत्पादन करने व इस पानी को खेती के लिए उपयोग में लाने के बारे में प्रस्ताव भी फाइलों तक सीमित रह गए। जमीन से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों पर निगम अधिकारी निर्णय नहीं ले पाए हैं।

इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र में आने वाले चार प्रमुख मार्ग अंबाला-जगाधरी, कुरुक्षेत्र से यमुनानगर, सहारनपुर से यमुनानगर व पौंटा साहिब से जगाधरी मार्ग पर प्रवेश द्वार बनाने, पेड़ों पर नंबर लिखने के प्रस्ताव पर भी अमल नहीं हुआ। निशानदेही के लिए उठे कदम रुके

सात जनवरी को हुई हाउस की बैठक में बड़ा मुद्दा नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जों का था। पार्षदों के आवाज उठाने पर हाउस में 31 मार्च तक निशानदेही पूरी करने का प्रस्ताव पास हुआ, लेकिन लावारिस 12 हजार एकड़ जमीन की सुरक्षा को लेकर अफसर अभी तक चार कदम भी नहीं चल पाए हैं। 22 में से केवल चार वार्डो में जमीन की जांच किए जाने का ही काम हुआ है। ज्वाइंट कमिश्नर भारत भूषण कौशिक के तबादले के बाद यह काम भी रुक गया है। निशानदेही के लिए टोटल डिजिटल मशीन भी अभी तक अफसर नहीं खरीद पाए हैं। इस मशीन के जरिए ही जमीन की निशानदेही करवाई जाएगी।

सिर्फ एस्टीमेट बना, काम कभी नहीं हुआ

फोटो : 12 वार्ड 13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि 50-50 लाख के कार्यो के केवल एस्टीमेट बने हैं। वार्ड में होने वाले जितने काम पास हुआ, उसमें से एक भी काम नहीं है। न ऑफिस बना है और न ही अन्य काम। अफसरों की लापरवाही से शहर का विकास प्रभावित हो रहा है। स्ट्रीट लाइटों तक की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। कई बार शिकायत करने के बावजूद लाइट ठीक नहीं की जा रही सिर्फ दावे होते, विकास नदारद

फोटो : 13

वार्ड 20 की पार्षद रेखा राणा का कहना है कि हाउस की बैठकें तो औपचारिकता साबित हो रही है। पहली ही बैठक में जो काम पास हुए थे, उनमें से अधिकांश पर अमल नहीं हुआ है। सफाई तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। अन्य विकास कार्यो की तो क्या उम्मीद करें? विकास के दावे तो खूब किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर विकास कहीं दिखाई दे रहा है। -------------------

फोटो : 14

हाउस की बैठक पास हुए काम प्रोसेस में हैं। कई कामों के लिए टेंडर भी लग चुके हैं। जो रह गए हैं, उन कामों को जल्द शुरू करवा दिया जाएगा।

मदन चौहान, मेयर, नगर निगम, यमुनानगर।


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