कपालमोचन मेला : परिवार के साथ आ रहे तीर्थराज के दर्शन करने
जागरण संवाददाता, कपालमोचन : पांच दिवसीय कपालमोचन मेले के पहले दिन जितने भी श्रद्धालु आए हैं उनमें सभी परिवार सहित आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कपालमोचन : पांच दिवसीय कपालमोचन मेले के पहले दिन जितने भी श्रद्धालु आए उनमें से ज्यादातर स्नान करने के बाद ही वापस लौट गए। श्रद्धालुओं ने कपालमोचन के मुख्य मंदिरों में पूजा अर्चना की और परिवार के साथ वापस चले गए। श्रद्धालुओं का कहना है कि किसी के पास इतना समय ही नहीं है कि पांच दिन मेले में रूका जा सके। इसलिए स्नान करने के बाद वापस लौट रहे।
कपालमोचन सरोवर में स्नान करने पहुंची पंजाब के जिला लुधियाना की दोराहा मंडी निवासी दलजीत कौर ने बताया कि वह परिवार के साथ पिछले पांच साल से कपालमोचन मेले में आ रही है। इससे पहले उनके पूर्वज मेले में आते थे। यहां आकर मन को शांति मिलती है। इसलिए हर साल आते हैं। वे अपने पूर्वजों की परंपरा को निभा रहे हैं। इस बार वह अपनी बहन, बेटी व दो बेटों के साथ कपालमोचन तीर्थराज के दर्शन करने आई है। दलजीत कौर ने बताया कि जब वे पिछली बार आए थे तो कपालमोचन में मन्नत मांग कर गए थे कि उसके पड़ोस के गांव में रहने वाली बहन सुषमा के लड़के डॉ. द¨वद्र की शादी हो जाए। यहां मांगी गई मन्नत पूरी हो गई। द¨वद्र को दुल्हन भी डाक्टर ही मिली है। उनका कहना है कि कपालमोचन में हर धर्म के लोग आते हैं। कोई यहां दो दिन ठहरता है तो कोई पांच दिन। लेकिन अब किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि पांच दिन तक यहां रह सके। इसलिए वे रविवार रात को परिवार के साथ कपालमोचन के लिए चले थे। सुबह यहां पहुंच गए थे। जिस सरोवर के पास पहुंचे वहां मंदिरों में स्नान किया। सभी तीर्थों में स्नान कर शाम तक वापस चले जाएंगे।
इसी तरह लुधियाना शहर से आए करतार ¨सह, महीपाल ¨सह ने बताया कि वे भी स्नान कर वापस लौट रहे हैं। उनके पूर्वज यहां पर सालों से आते रहे हैं। अब वे भी उनकी राह पर चलते हुए यहां आ रहे हैं। प्रशासन के इंतजामों पर उन्होंने संतुष्टि जताई। सभी मंदिरों के दर्शन किए और सरोवरों में स्नान किया। यहां आने से मन को शांति मिलती है।