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राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. मिश्रा

डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज में नेहरू स्टडी सेंटर की ओर से युवा जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया। नेहरू स्टडी सेंटर द्वारा नेहरू एक राष्ट्र निर्माता व वुमन स्टडी सेंटर द्वारा नारी सशक्तिकरण की चुनौतियां विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजित किए गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 05:59 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 05:59 PM (IST)
राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. मिश्रा
राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. मिश्रा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज में नेहरू स्टडी सेंटर की ओर से युवा जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया। नेहरू स्टडी सेंटर द्वारा नेहरू एक राष्ट्र निर्माता व वुमन स्टडी सेंटर द्वारा नारी सशक्तिकरण की चुनौतियां विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजित किए गया। जिसमें गांधीयन मैमोरियल लाइब्रेरी एंड म्यूजियम नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अनिल दत्त मिश्रा मुख्य वक्ता रहे।

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डॉ. अनिल दत्त मिश्रा ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका है। अध्यापक का काम सिर्फ पढ़ाना ही नहीं, अपितु विद्यार्थियों की समस्या का निदान कर उन्हें प्रगति के पथ पर अग्रसर करना है। स्वतंत्रता उत्तर दायित्व लाती है,राष्ट्र का मुख्य लक्ष्य सबसे पहले राष्ट्रभक्त होता है। नेहरू जातिवाद के विरोधी थे, वह कहते थे कि सेवा ही नेता का धर्म होता है। नेहरू ने आधुनिक राष्ट्र का निर्माण किया, इसलिए उन्हें चाचा की संज्ञा दी गई। राष्ट्र का निर्माण तब तक संभव नहीं, जब तक सब स्वतंत्र न हो। राष्ट्र निर्माण के लिए संस्थाओं का निर्माण जरूरी है। नारी सशक्तिकरण विषय पर कहा कि सशक्तीकरण सामाजिक न्याय का एक भाग होता है। महिलाओं के साथ आज भी सामाजिक अन्याय हो रहा है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि महिला खाना बनाने के बाद सबसे पहले पुरुष को परोसती है। सब घरवालों के खिलाने के बाद बाद में स्वयं खाती है। उन्होंने खाप पंचायत के बारे में बताया कि उसमें पुरुषों को अधिपत्य स्थापित है, जिसमें महिलाओं को बोलने की स्वंतत्रता नहीं होती। महिलाओं को भी यह अधिकारी दिया जाना चाहिए। भारत को छोड़कर सभी जगह महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा सहनशील होती है। यह सभी महिला सशक्तिकरण की चुनौतियां है। सामाजिक भेदभाव महिला सशक्तिकरण की बहुत बड़ी समस्या है। उत्तर भारत में पिता की प्रॉपर्टी में बेटों को हिस्सा दिया जाता है, बेटियों को नहीं। पूर्ण भागेदारी का न होना भी सशक्तिकरण की बड़ी समस्या है। कॉलेज ¨प्रसिपल ने मुख्य वक्ता का आभार व्यक्त किया। सफल बनाने में डा. दीपिका घई, सभ्यता बंसल, विभाती, नेहा कांबोज ने सहयोग दिया।


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