तंग आकर भैंस खोलकर चले तो भैंस गई पानी में, फिर गुस्साएं लोगों ने लगाया जाम
दड़वा कांप्लेक्स में पीने के पानी और गलियों में जमा दूषित पानी का समाधान न होने पर पशुओं में बीमारी फैल गई। पशुपालकों के मुताबिक चार पशुओं की मौत हो गई। दिक्कत दूर कराने के लिए विधायक और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर को फोन किया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दड़वा कांप्लेक्स में पीने के पानी और गलियों में जमा दूषित पानी का समाधान न होने पर पशुओं में बीमारी फैल गई। पशुपालकों के मुताबिक चार पशुओं की मौत हो गई। दिक्कत दूर कराने के लिए विधायक और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर को फोन किया। बात नहीं होने पर पशुपालकों ने कांप्लेक्स से भैंस खोलकर शहर की तरफ चल दिए। इस दौरान उनकी भैंस नाले और गलियों में जमा दूषित पानी में भैंस गिर गई। किसी तरह से भैंस को दूषित पानी के नाले से निकाला गया। बाद में गुस्साएं लोगों ने पुराना सहारनपुर रोड पर जाम लगा दिया। इस दौरान सरकार, प्रशासन और विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी। निगम अधिकारियों को बुलाने के लिए भी फोन किया गया, लेकिन मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं आया। सदर जगाधरी थाना प्रभारी ईश्वर ¨सह और थानेदार जगबीर ¨सह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। यहां पर पुलिस और डेयरी संचालकों के बीच जमकर नोंक झोंक हुई। काफी प्रयास के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगी गई। जाम में फंसे लोग भी व्यवस्था को कोस रहे थे।
लाठी से शिफ्ट कराई थीं डेयरियां
पूर्व पार्षद विनोद मरवाह, पशुपालक संजय पाहवा, हरीश चंद्र, मोनू धनोना, सतपाल मेहता, नरेंद्र भल्ला, पुनीत लांबा, कुलदीप, ¨बद्रा, कुलदीप मेहता, बाबू राम ओबरॉय, सुरेंद्र, गुलशन बुद्धिराजा और प्रधान का बेअंत लाल भाटिया ने कहा कि प्रशासन ने लाठी के जोर से शहर से डेयरियां शिफ्ट कराई। यहां पर किसी भी तरह की सुविधा नहीं है। जब प्रशासन सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम है तो उनकी डेयरियां शहर से यहां पर क्यों शिफ्ट कराई। पहले सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए थी। 10 दिन से कांप्लेक्स की निकासी का पानी बंद है। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। केवल एक दिन प्रशासन ने पं¨पग सेट लगाकर पानी उतारने की खानापूर्ति की है।
बीमार हो गई पशु
पशुपालकों का कहना है कि जिले के दड़वा, कैल, औरंगाबाद व रायपुर में चार कांप्लेक्स है। सभी में असुविधाओं को बोलबाला है। पशुपालकों को जबरन यहां पर भेजा गया। दड़वा कांप्लेक्स में 288 प्लाटों में से 150 आबाद है। दूषित पानी की निकासी नहीं होने से नलकूप से भी दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिससे पशुओं में मुंह और खुर पका की बीमारी फैल गई। चार भैंसों की मौत हो गई। कांप्लेक्स में डिस्पेंसरी है, मगर यहां पर कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है।
भाग गए कर्मचारी
दूषित पानी के कारण यहां पर आने जाने का रास्ता नहीं है। कर्मचारी भाग गई। पशुओं को संभालना मुश्किल काम हो गई। डेयरी का काम उनके लिए घाटे का सौदा हो गया है। कई पशुपालकों का कहना है कि प्रशासन और सरकार उनको मारने पर तुली है। जब उनके पास पशु नहीं रहेंगे तो उनका परिवार का कैसे गुजारा होगा।
बोले विधायक के यहां देंगे धरना
प्रधान और अन्य पशुपालकों का कहना है कि जब उनकी दिक्कत दूर नहीं हुई तो सोमवार को विधायक के आवास पर धरना देंगे। इस दौरान पशुओं को भी लेकर जाएंगे या फिर डेयरी का काम छोड़ देंगे। ध्यान रहे कि भैंसों को लादने के लिए गाड़ी बुला ली थी। बाद में समझदार लोगों ने समझाकर मामले को दबाया।
ये है मुख्य मांग
-डिस्पेंसरी में डॉक्टर और स्टाफ तैनात किया जाए।
-दूषित पानी की निकासी का ठोस हल, तुरंत निकाला जाए।
-जिनके पशुपालकों के पशु मरे है उनको मुआवजा दिया जाए।
-बीमारी पशुओं का प्रशासन इलाज कराए।
-पशुपालकों की दिक्कत दूर करने के लिए स्पेशल कमेटी का गठन किया जाए। इसके पशुपालक भी शामिल हो।
दिक्कत जायज है, समझा दिया उनको
थाना प्रभारी ईश्वर का कहना है कि पशु पालकों की दिक्कत जायज है। उनको सुविधा मिलनी चाहिए। इस बारे में निगम अधिकारियों से बात कर उनको आश्वासन दिया गया है। कुछ देर के लिए जाम लगा था। समझाने के बाद पशुपालकों ने जाम खोल दिया है।
मुझे पशुपालकों के फोन आए अधिकारी मौके पर भेजे : विधायक
सिटी विधायक घनश्याम दास अरोड़ा का कहना है कि वे आउट ऑफ स्टेशन हैं। पशुपालकों के मेरे पास दिन में 20 के करीब फोन आए। सारे सुने गए। उनकी दिक्कत दूर करने के लिए एससी और निगम अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। वह खुद भी कांप्लेक्स में लोगों के बीच दो बार जा चुके हैं। मेरा प्रयास है लोगों की दिक्कत जल्द दूर हो। इस दिशा में तेजी से कार्य करा रहे हैं।