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25 विभागों से प्रॉपर्टी टैक्स के 27 करोड़ की उम्मीद, सरकार ने निगम से मांगी रिपोर्ट

संजीव कांबोज यमुनानगर केंद्र व राज्य के 25 विभाग प्रॉपर्टी टैक्स पर कुंडली मारे बैठे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:05 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 09:05 AM (IST)
25 विभागों से प्रॉपर्टी टैक्स के 27 करोड़ की उम्मीद, सरकार ने निगम से मांगी रिपोर्ट
25 विभागों से प्रॉपर्टी टैक्स के 27 करोड़ की उम्मीद, सरकार ने निगम से मांगी रिपोर्ट

संजीव कांबोज, यमुनानगर

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केंद्र व राज्य के 25 विभाग प्रॉपर्टी टैक्स पर कुंडली मारे बैठे हैं। नगर निगम की ओर से बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद टैक्स अदा नहीं किया गया। अधिकारिक स्तर पर भले ही इसे गंभीरता से न लिया गया हो, लेकिन अब सरकार ने सभी नगर निगमों से बकाया प्रापर्टी टैक्स का विभागानुसार ब्योरा मांगा है। ताकि जल्दी ही टैक्स जमा कराकर निगमों को आर्थिक मंदी से उभारा जा सके। अब तक बकायादार विभागों के मुखिया बजट न होने का हवाला देते रहे हैं। यमुनानगर-जगाधरी नगर निगम की बात की जाए तो 27 करोड़ रुपये अलग-अलग विभागों पर बकाया है। किस विभाग पर कितना बकाया

भांखड़ा ब्यास मैनजमेंट बोर्ड 835615 रुपये

बीएसएनएल 649508

डाक विभाग 76148 इंकम टैक्स 123000 रेलवे विभाग 189774156 कृषि एवं किसान कल्याण विभाग 102109 पशु पालन विभाग 82350 इंडस्ट्री एंड कामर्स 38500 शिक्षा विभाग 325754 खेल विभाग 12171223 स्टेट ट्रांसपोर्ट 492850 पंचायत विभाग 1533415 खाद्य एवं आपूर्ति विभाग 93480 वन विभाग 489067 मार्केटिग बोर्ड 16673059 पर्यटन विभाग 46748 पुलिस विभाग 17545165 एचएसआइआइडीसी 131007 एचएसवीपी 400826 सिचाई विभाग 826598 जनस्वास्थ्य विभाग 8188781 पीड्ब्ल्यूडी 15145182 राजस्व विभाग 1528138 बिजली निगम 1141706 रुपये (आंकड़े नगर निगम से लिए गए हैं और सरकार की ओर से मिली छूट के बाद के हैं ) अब सरकार ने यह दी छूट

वर्ष 2010-11 से 2020 तक के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स पर 100 फीसद ब्याज की छूट प्रदान की है। इसके अलावा वर्ष 2010-11 से 2017 तक के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स एकमुश्त जमा करवाने पर 25 फीसद की छूट भी दी जा रही है। यह छूट 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। इसके बाद प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने वाले से पूरे ब्याज समेत प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा। उन्हें किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी। यमुनानगर व जगाधरी शहर में करीब डेढ़ लाख प्रॉपर्टी यूनिट हैं। सौ से अधिक बकायादार ऐसे हैं, जिनसे नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स के पांच लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक लेने हैं। बकायादारों में सरकारी कार्यालयों के अलावा बड़े औद्योगिक घराने, व्यवसायिक भवन मालिक, अस्पताल, माल, शिक्षण संस्थान व धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं। अधिकारियों की माने तो प्रॉपर्टी टैक्स बकायादारों को नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद वे कुछ रकम जमा करवा देते हैं, लेकिन अधिकतर बकायादारों ने अपना पूरा टैक्स जमा नहीं करवाया है। टैक्स आए तो मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए सरकार की ओर से ग्रांट दी जाती है, लेकिन सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत जैसी जरूरी सुविधाएं व कर्मचारियों का वेतन निगम प्रशासन अपनी आय से मुहैया करवाता है। प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम की आय का एक बड़ा जरिया है। लेकिन इसमें हर साल वसूली काफी कम होती है। प्रॉपर्टी टैक्स के बकायादार सरकारी विभागों की लिस्ट सरकार ने मांगी है। उम्मीद है अब जल्दी ही इन विभागों की ओर से प्रापर्टी टैक्स जमा करवा दिए जाएगा। आम नागरिकों को भी बकाया टैक्स का भुगतान समय पर करना चाहिए। सरकार की ओर दी हुई छूट का लाभ उठाएं।

अजय वालिया, जेडटीओ, नगर निगम।


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