बिजली निगम की लेटलतीफी से लटका स्टेट हाईवे का निर्माण, पोल हटाने का एस्टीमेट नहीं कर सकेतैयार
जगाधरी-बिलासपुर स्टेट हाईवे को चौड़ा करने का काम बिजली निगम के अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण लटका है। निगम के अधिकारियों को सिर्फ सड़क के दोनों तरफ खड़े बिजली के पोल को हटाने का एस्टीमेट तैयार करना था। 10 दिन बाद सड़क का शिलान्यास हुए दो साल पूरे हो जाएंगे परंतु अब तक पोल हटाने का एक एस्टीमेट ही तैयार नहीं हो सका है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क पर आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जगाधरी-बिलासपुर स्टेट हाईवे को चौड़ा करने का काम बिजली निगम के अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण लटका है। निगम के अधिकारियों को सिर्फ सड़क के दोनों तरफ खड़े बिजली के पोल को हटाने का एस्टीमेट तैयार करना था। 10 दिन बाद सड़क का शिलान्यास हुए दो साल पूरे हो जाएंगे परंतु अब तक पोल हटाने का एक एस्टीमेट ही तैयार नहीं हो सका है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क पर आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है।
15 करोड़ रुपये से होना था चौड़ा
जगाधरी में रक्षक विहार नाका से लेकर बिलासपुर में शिव चौक तक स्टेट हाइवे की चौड़ाई फिलहाल सात मीटर है। जिसे बढ़ाकर अब 10 मीटर किया जाना था। करीब 14 किलोमीटर लंबी स्टेट हाइवे की सड़क को चौड़ा करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने 15 करोड़ रुपये का बजट बनाकर सरकार को भेजा था जिसे सरकार ने पास कर दिया था। टेंडर होने के बाद ठेकेदार को वर्क भी अलॉट कर दिया गया परंतु दो साल में काम शुरू नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री ने किया था शिलान्यास
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 सितंबर 2016 को जगाधरी में झोटा चौक पर स्टेट हाईवे को चौड़ा करने का शिलान्यास किया था। सड़क को चौड़ा करने में वन विभाग के काफी पेड़ बाधा बन रहे थे। वन विभाग ने कुछ माह पूर्व ही पेड़ों को काटने का काम शुरू किया था। परंतु बाद में ये काम भी अधर में छोड़ दिया गया। सड़क के दोनों तरफ बिजली के पोल खड़े हैं जिन्हें हटाए बिना सड़क को चौड़ा करना मुमकिन नहीं है। पीडब्ल्यूडी ने करीब तीन करोड़ रुपये बिजली निगम के पास पोल हटाने के लिए जमा कराए थे। लेकिन बाद में निगम अधिकारियों ने इस राशि को कम बताते हुए पोल हटाने से मना कर दिया। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने निगम अधिकारियों को दोबारा एस्टीमेट तैयार करने को कहा था। परंतु अधिकारी अब तक एस्टीमेट तैयार नहीं कर पाए।
खतरे से खाली नहीं स्टेट हाईवे पर सफर
सड़क की चौड़ाई कम होने से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। सबसे ज्यादा हादसे रामखेड़ी, भेरथल व हरनौली के नजदीक होते हैं। सड़क की चौड़ाई कम है जबकि वाहनों की संख्या बहुत ज्यादा है। दिनरात सड़क से रेत, बजरी से भरे ट्रक निकलते हैं। क्योंकि खनन जोन में जब से माइ¨नग खुली है तब से ट्रकों की लाइन लगी रहती है। इसके अलावा शुगर मिल में गन्ना लेकर जाने वाली ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रालियों की संख्या भी कम नहीं है। जब गन्ने से भरी ट्रालियां निकलती हैं तो पीछे से आने वाले ट्रक, बसों को आगे निकलने का रास्ता नहीं मिलता। इससे स्टेट हाइवे पर जाम लग जाता है। तीन माह पहले ही तेज रफ्तार कार ने आहलूवाला के नजदीक आटो को टक्कर मार दी थी जिसमें दो लोग घायल हो गए थे। एक सप्ताह पहले ही प्लाइ से भरा ट्रक सड़क किनारे पलट गया था। एक माह पहले लकड़ी से भरी ट्राली सड़क के बीच में पलट गई थी जिससे जाम लग गया था।
एस्टीमेट तैयार कर रहे हैं : योगराज
बिजली निगम के एसई योगराज ने बताया कि सड़क से पोल हटाने का एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। यह अंतिम चरण में है। इस राशि को जमा कराने के बाद पीडब्ल्यूडी पोल को हटवा सकता है।
एस्टीमेट का इंतजार है : सचदेवा
पीडब्ल्यूडी एक्सईएन ऋषि सचदेवा ने बताया कि बिजली निगम से अभी तक पोल हटाने पर होने वाले खर्च का एस्टीमेट नहीं मिला है। जैसे ही एस्टीमेट मिलेगा हम पैसा जमा करवा देंगे। इसके तुरंत बाद सड़क चौड़ी करने का काम शुरू हो जाएगा।