हर्षिव के हर्ष में मांगी मन्नतें, दे गया गम
बड़े भाई धर्मेंद्र की दो बेटियां हैं। अमित को एक बेटी के बाद डेढ़ महीने पहले बेटा पैदा हुआ। नाम रखा हर्षिव। दादा-दादी, ताऊ-ताई ने खुशी की थाली बजाई। मां शाकूंभरी देवी से पोता होने की मन्नतें मांगी थी। इ'छा पूरी हुई तो पूरा परिवार हंसी-खुशी मां के द्वार पर मत्था टेकने पहुंचा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बड़े भाई धर्मेंद्र की दो बेटियां हैं। अमित को एक बेटी के बाद डेढ़ महीने पहले बेटा पैदा हुआ। नाम रखा हर्षिव। दादा-दादी, ताऊ-ताई ने खुशी की थाली बजाई। मां शाकूंभरी देवी से पोता होने की मन्नतें मांगी थी। इच्छा पूरी हुई तो पूरा परिवार हंसी-खुशी मां के द्वार पर मत्था टेकने पहुंचा। लौटते समय ऐसी अनहोनी हो गई कि जिसके लिए मन्नतें मांगने गए थे, वह ही गम के रूप में कभी न भरने वाला जख्म दे गया। उनकी कार अराईयांवाला के पास ट्रैक्टर ट्रॉली से टकरा गई। हादसे में डेढ़ महीने के हर्षिव की मौत हो गई, जबकि परिवार के छह लोग घायल हो गए। दादा जगपाल कोमा में हैं। घायल पीजीआइ चंडीगढ़
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गोद से छूट गई खुशियां
पंचकूला के रामगढ़ निवासी जगमाल अपने परिवार के साथ शाकुंभरी देवी के दर्शनों के लिए आया था। वह डेढ़ माह पहले ही दादा बने थे। इसी खुशी में वह देवी के भवन पर मत्था टेकने आए थे। यहां से वापस लौटते समय दोपहर करीब डेढ़ बजे जब वह अराईयांवाला के पास पहुंचे, तो आगे जा रहे ट्रैक्टर ट्रॉली को ओवरटेक करने लगे। इस दौरान चालक ने ट्रैक्टर मोड़ दिया। कार टकरा गई। कार में बैठे जगमाल, उनकी पत्नी शिक्षा, बहन रेखा, बेटा अमित, पुत्रवधु नेहा, नौ वर्षीय पौत्री मन्नत घायल हो गई। नेहा की गोद में बैठे डेढ़ माह के बेटे हर्षिव की मौत हो गई। हादसे के बाद चारों ओर चीख पुकार मच गई। महिलाएं बेहोश हो गई। नेहा होश में आई तो मुख से यही शब्द निकले, कहां है मेरा हर्षिव और मन्नत।
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जिसने सुना, भर आई आंखें
हादसे में कार व ट्रैक्टर भी क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रैक्टर चालक भी हादसे में चोटिल हुआ। सड़क पर दोनों के क्षतिग्रस्त होने से जाम लग गया। बाद में पुलिस ने क्रेन की मदद से दोनों वाहनों को हटवाया। खिजराबाद थाना प्रभारी लज्जा राम का कहना है कि हादसे की सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी। वाहनों से उतरकर हर कोई बच्चे की मौत के बाद गमजदा था।
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हर कोई पूछ रहा हर्षिव के बारे में
जब घायलों को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, तो उनमें महिलाओं की हालत अधिक गंभीर थी। जब भी उन्हें होश आता, वह तुरंत हर्षिव व मन्नत के बारे में पूछती। हादसे की सूचना पाकर भगवानगढ़ से उनके रिश्तेदार भी पहुंचे। नेहा बार-बार होश में आती और अपने बेटे व बेटी के बारे में पूछती, यही हालात शिक्षा के थे। अमित का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। वह रोते-रोते कह रहा था कि पता नहीं कौन सा पाप उन्होंने किया है।