Move to Jagran APP

पूरा दिन गुजर रहा अस्पताल में, फिर भी बिना इलाज के लौट रहे मरीज

पहले सुबह लाइन में लगकर पर्ची कटवाने की जद्दोजहद। फिर डॉक्टर से इलाज के लिए लंबी लाइन। ऐसे में डॉक्टर मिल जाए तो ठीक। नहीं तो डॉक्टर के न होने पर वापस भी लौटना पड़ जाता है। डॉक्टर ने टेस्ट कराने के लिए लिख दिया तो फिर शाम के चार बजे तक अस्पताल में ही गुजरता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 07:40 AM (IST)
पूरा दिन गुजर रहा अस्पताल में, फिर भी बिना इलाज के लौट रहे मरीज
पूरा दिन गुजर रहा अस्पताल में, फिर भी बिना इलाज के लौट रहे मरीज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पहले सुबह लाइन में लगकर पर्ची कटवाने की जद्दोजहद। फिर डॉक्टर से इलाज के लिए लंबी लाइन। ऐसे में डॉक्टर मिल जाए, तो ठीक। नहीं तो डॉक्टर के न होने पर वापस भी लौटना पड़ जाता है। डॉक्टर ने टेस्ट कराने के लिए लिख दिया, तो फिर शाम के चार बजे तक अस्पताल में ही गुजरता है। जब तक टेस्ट की रिपोर्ट मिलती है, छुट्टी हो जाती है। यह हालात सिविल अस्पताल के हैं। सिविल अस्पताल में मरीजों को आ रही दिक्कतों व व्यवस्थाओं पर दैनिक जागरण की टीम ने लाइव किया, तो मरीज अपनी बीमारी से अधिक व्यवस्था से दुखी नजर आए। चिकित्सक तक पहुंचना कहां आसान

loksabha election banner

अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जंग सुबह से ही शुरू हो जाती है। पहले लाइन में लगकर पर्ची कटवानी पड़ती है। ओपीडी के अंदर जाने के लिए करीब एक से दो घंटे का समय लग जाता हैं। कुछ मरीज सुबह जल्दी आ जाते हैं, तो उनका नंबर पहले आ जाता है। पर्ची कटवाने के बाद जब चिकित्सक के पास जाते हैं, तो वहां भी लंबी लाइन मिलती है। पर्ची अंदर चली गई, तो मरीज कही और नहीं जा पाता। पता नहीं कब उसे आवाज लगा दी जाए। ऐसे में यदि मरीज या उसके साथ आए तीमारदार कही चले गए, तो नंबर कट जाता है। फिर तो बस इलाज मिलना ही मुश्किल है। 11.20 बजे पंजीकरण खिड़की के बाहर लंबी लाइन मरीजों की सहूलियत के लिए तीन विडो हैं। इसमें से एक सामान्य, एक महिलाओं के लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। इन सभी के बाहर लंबी लाइन लगी है। लाइन में लगे राहुल कुमार ने बताया कि उसके पिता की तबियत ठीक नहीं है। उनका चैकअप करा दिया। काफी देर से लाइन में लगा है । अभी तक नंबर नहीं आया। 11.35 बजे चिकित्सक कक्ष के बाहर पंजीकृत कक्ष के पीछे के एरिया चिकित्सकों के बैठने के कक्ष बनाए गए हैं। यहां मरीजों की काफी भीड़ लगी थी। कुछ मरीज पास पड़ी कुर्सियों पर बैठे हुए हैं। पूछने पर बताया कि आधे घंटे से बैठे हैं। पर्ची अंदर गई हुई है। अंदर से आवाज लगाई जाएगी, तो डॉक्टर को दिखाएंगे। 12.15 बजे : दवा वितरण केंद्र के बाहर यहां भी मरीजों की लाइन कम नहीं थी। चार लाइनों में मरीज लगे थे। दवा वितरण खिड़की से लेकर पीछे बरामदे तक लाइन में मरीज लगे हैं, तो कुछ मरीज पास ही सीमेंट की बनी सीटों पर बैठे हुए हैं। उन्होंने अपनी पर्ची अपने जानकारों को दे रखी है, ताकि नंबर आए, तो वह दवाई ले सके। बीमार होने की वजह से वह बैठे हुए हैं। यह भी है कि एक पर्ची पर एक ही मरीज को दवाई मिलेगी। 12.35 बजे रक्त जांच केंद्र यहां भीड़ अधिक नहीं थी, लेकिन जो भी मरीज आया था। उसे अब तीन बजे तक बैठना होगा। सैंपल देने के बाद रिपोर्ट मिलने का समय ढाई से तीन बजे के बीच का है। ऐसे में यदि कोई मरीज सुबह आकर भी डॉक्टर तक पहुंच जाए और डॉक्टर उसके टेस्ट के लिए लिख दें, तो मरीज को अगले दिन ही दिखाना होगा। क्योंकि ढाई बजे के बाद डॉक्टर चले जाते हैं। ऐसे में मरीज अपनी रिपोर्ट लेकर अगले दिन ही आएगा। वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि यह व्यवस्था इसलिए है कि एक साथ ही सभी सैंपल लगाए जाते हैं। एक-एक कर सैंपल नहीं लगा सकते। इसलिए ही मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। फोटो-29बी

मोनिका ने बताया कि वह स्वास्थ्य जांच के लिए आई है। बड़ी मुश्किल से पर्ची कटवाई। जब डॉक्टर के कक्ष में पहुंची, तो वहां पहले से भीड़ थी। भीड़ के चलते उसे काफी देर तक चिकित्सक से चेकअप के लिए इंतजार करना पड़ेगा। फोटो 29सी

लालद्वारा से आई सुमन का कहना है कि वह सामान्य चेकअप के लिए आई है। जब वह यहां तो पहले से लाइन थी। किसी तरह पर्ची कटवाई। इसके बाद चिकित्सक के पास चैक कराया। रक्त जांच के लिए लिखा, तो यहां पर टेस्ट कराया। अब रिपोर्ट तीन बजे तक मिलेगी। तब तक डॉक्टर भी चले जाएंगे। अब उसे फिर से आना पड़ेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.