सरकार के नहीं झुकने और बसें चलने से टूटने लगा कर्मचारियों का मनोबल, जीएम से मिलकर जताई काम पर लौटने की इच्छा
11 दिन से हड़ताल पर बैठे रोडवेज के कुछ कर्मचारियों ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए अधिकारियों के आगे पीछे चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। लेकिन काम पर लौटने की इच्छा वे खुल कर जाहिर नहीं कर पा रहे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
11 दिन से हड़ताल पर बैठे रोडवेज के कुछ कर्मचारियों ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए अधिकारियों के आगे पीछे चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। लेकिन काम पर लौटने की इच्छा वे खुल कर जाहिर नहीं कर पा रहे। सरकार द्वारा अपने कदम पीछे नहीं खींचे जाने से कर्मचारियों का मनोबल टूटने लगा है। दूसरा रोडवेज की बसें भी सामान्य दिनों की तरफ सड़क पर चलने लगी हैं। इसलिए कर्मचारियों को लगने लगा है कि ऐसी स्थिति में यदि वे हड़ताल पर रहते हैं तो कहीं उनकी नौकरी पर संकट न आ जाए। काम पर लौटने पर यूनियन भी कार्रवाई कर सकती है इसकी ¨चता भी उन्हें सताए जा रही है।
हिचकिचा रहे थे बात रखते हुए
शुक्रवार को बस स्टैंड यमुनानगर पर कुछ ऐसा ही माहौल दिखा। जब हड़ताल पर बैठे कुछ कर्मचारी यूनियन पदाधिकारियों से नजरें बचाते हुए यमुनानगर डिपो के जीएम र¨वद्र पाठक के पास पहुंचे। पहले तो बात करते हुए वे हिचकिचा रहे थे लेकिन जीएम उनके मन की बात को भांप गए। जीएम ने पूछा काम पर लौटना चाहते हो। कर्मचारियों ने दबी जुबान में कहा कि ड्यूटी पर तो आना चाहते हैं लेकिन यूनियन नेता उनके बारे में उल्टा सीधा कहेंगे। भविष्य में यूनियन उनका साथ नहीं देगी। जीएम ने कहा कि मैं किसी कर्मचारी पर ड्यूटी पर लौटने का दबाव नहीं बनाऊंगा। हड़ताल पर आप अपनी मर्जी से गए थे इसलिए काम पर भी अपनी मर्जी से ही लौटेंगे। हमारे ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं है। सरकार ने नई भर्ती शुरू कर दी है। 100 से 110 बसें अब चलने लगी हैं। बाकी बसें भी एक-दो दिन में चल जाएंगे। सभी रूटों पर बस चल चुकी है। अब फैसला आपको करना हैं। यदि काम पर लौटना है तो बताओ, हम रजिस्टर में आपकी हाजिरी लगाते हैं। कर्मचारी सोचने का टाइम लेकर वहां से चले गए।
परिचालक मिलने से 117 से अधिक चली बसें
रोडवेज के पास चालक तो पूरे हैं लेकिन परिचालकों की कमी के कारण काफी बसें ऐसे ही वर्कशॉप के अंदर खड़ी थी। इसलिए बृहस्पतिवार शाम रोडवेज ने 35 नए परिचालकों को आउटसोर्सिंग पर रखा। इसके अलावा दर्जनभर चालक-परिचालक शुक्रवार को भी भर्ती किए गए। शाम साढ़े चार बजे तक 117 बसें सड़कों पर चल चुकी थी। इसके अलावा करीब 60 प्राइवेट और डेढ़ दर्जन अन्य राज्यों की बसें भी चल रही है। पहले हड़ताल में बसें नहीं चल रही थी इसलिए बस स्टैंड पर बहुत कम यात्री आ रहे थे। लेकिन अब जैसे-जैसे बसों की संख्या बढ़ रही है बस स्टैंड पर भी भीड़ बढ़ने लगी है। शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में यात्री बस स्टैंड पर पहुंची। जिसे देखकर यही लग रहा था मानो यहां किसी तरह की हड़ताल न हो।
दिल्ली के लिए चली एक बस
10 दिन बाद शुक्रवार सुबह दिल्ली के लिए एक बस रवाना हुई। इससे पहले केवल करनाल तक ही बस जा रही थी। यात्रियों को दिल्ली के लिए करनाल से दूसरी बस लेनी पड़ रही थी, क्योंकि सभी चालक अभी नए हैं इसलिए उन्हें दिल्ली भेजने से मना किया गया है। जैसे-जैसे ये निपुण होते रहेंगे उन्हें दिल्ली भेजा जाएगा। वहीं, चंडीगढ़ के लिए भी कई बसें चलाई गई।
मेरे पास भी सूचना आई थी : हरिनारायण शर्मा
आल हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा का कहना है हमारे पास भी सूचना आई थी कि तीन-चार कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं। बाद में पता चला वे कर्मचारी जीएम के पास वैसे ही खड़े थे। सरकार कर्मचारियों को किसी न किसी तरह का लालच देकर काम पर लौटने को कह रही है। यूनियन कर्मचारियों से अपील करती है कि वे काम पर न लौटे। अन्य विभागों के साथ आने से सरकार बहुत डरी हुई है। कर्मचारियों की ही जीत होगी। कर्मचारी ड्यूटी पर लौट सकते हैं : पाठक
यमुनानगर डिपो के जीएम र¨वद्र पाठक का कहना है कि हड़ताल पर बैठे कुछ कर्मचारी उनसे मिलने आए थे। काम पर लौटने की बात भी हुई है। कर्मचारियों का यदि काम पर लौटने का मन है तो वे ड्यूटी ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन हम किसी पर भी काम पर लौटने का दबाव नहीं डालेंगे। साढ़े चार बजे तक 117 बसें हम चला चुके हैं। यात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे।