मंदिर का पुजारी निकला सरदारा ¨सह का हत्यारा
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : केरोसिन सप्लायर सरदारा ¨सह सैनी के मर्डर की गुत्थी को डिटेि
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : केरोसिन सप्लायर सरदारा ¨सह सैनी के मर्डर की गुत्थी को डिटेक्टिव स्टाफ ने सुलझाने का दावा किया है। सप्लायर का हत्यारा कोई ओर नहीं गोदाम के साथ बने मां शाकुंभरी देवी मंदिर का पुजारी 35 वर्षीय नेत्रपाल उर्फ नेतराम निकला। ये मंदिर भी सैनी ने ही बनवाया था। आरोपित ने पंजाब के लुधियाना की सीएमसी कॉलोनी के शुभम सूद के साथ मिलकर सरदारा ¨सह को मौत के घाट उतारा था। एसपी राजेश कालिया ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सरदारा ¨सह पुजारी की पत्नी पर बुरी नजर रखता था। इसलिए पूजारी ने शुभम के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। इस दौरान हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद किए जाएगे। स्टाफ ने 24 घंटे में वारदात को सुलझा दिया था। कोई पहलू छूट न जाए इसलिए छानबीन की जा रही थी। इसके लिए इंचार्ज जयपाल आर्य समेत उनकी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। आरोपित पूजारी खुद को ¨हदू जागरण का पदाधिकारी भी बताता है, जबकि ¨हदू जागरण मंच ने इसका खंडन किया।
ये बताया पुलिस को आरोपित ने :
साढौरा के गांव हैबतपुर निवासी पुजारी नेत्रपाल ने पुलिस को बताया कि सरदारा ¨सह अकेला रहता था इसलिए उसे खाना बनाने के लिए महिला नौकर की जरूरत थी। कुछ दिन के लिए उसने अपनी पत्नी को सरदारा ¨सह का खाना बनाने के लिए भेज दिया। उसकी पत्नी उदास रहने लगी। पूछने पर बताया कि वह दोबारा वहां काम पर नहीं जाएगी। वह समझ गया कि कुछ गलत हुआ है। जब उसकी पत्नी काम पर होती थी तो सरदारा ¨सह पुजारी को अपने कमरे की तरफ नहीं जाने देता था। कहता था कि उसका काम पुजारी का है मंदिर की तरफ रहे। इसके अलावा सरदारा ¨सह ने उसे मंदिर की देखरेख के लिए चार हजार रुपये महीना पर रखा था। काफी समय से वो उसका वेतन नहीं दे रहा था। पैसे मांगता था तो उसे मंदिर से निकालने व चोरी का झूठा इल्जाम लगाने की धमकी मिलती थी।
लोहड़ी के दिन मां शाकुंभरी देवी मंदिर में रची साजिश
पत्नी पर बुरी नजर रखने के कारण नेत्रपाल सरदारा ¨सह से रंजिश रखने लगा। उसे ठिकाने लगाना चाहता था। इस काम में उसने अपने साथ लुधियाना की सीएमसी कॉलोनी के शुभम सूद को साथ लिया। शुभम बचपन से ही बैंक कॉलोनी में अपने मामा के घर रहता था। इसलिए उसका मां शाकुंभरी देवी मंदिर में आना-जाना था। तभी पुजारी व शुभम में जान पहचान हुई। नेत्रपाल ने शुभम को बताया कि सरदारा ¨सह महिलाओं पर बुरी नजर रखता है। इसलिए ऐसे लोगों का ¨जदा रहना ठीक नहीं है। दोनों ने सरदारा ¨सह को मौत के घाट उतारने की साजिश लोहड़ी के दिन मां शाकुंभरी देवी मंदिर में रची।
मोबाइल लेने के बहाने घुसे कमरे में
शुभम हत्या से एक दिन पहले ही अपने मामा के घर आ गया था। सरदारा ¨सह की हत्या 18 फरवरी की रात की गई थी। सात बजे नेत्रपाल सरदारा ¨सह से मिलने उनके कमरे में आया था। कुछ देर के बाद ही वो चला गया था। क्योंकि साढ़े सात बजे के बाद मृतक अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोलता था, इसलिए नेत्रपाल ने दरवाजा खटखटाया और अपना मोबाइल अंदर रहने का नाटक रचा। सरदारा ¨सह ने दरवाजा खोला तो पुजारी अंदर चला गया। दोनों बातें कर ही रहे थे कि शुभम भी अंदर आ गया।
सुअर काटने का हथियार लेकर आया था
शुभम अपने घर से सुअर काटने का तेजधार हथियार लेकर आया था। शुभम ने बिना देरी किए सरदारा ¨सह पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ वार किए। अंतिम वार नेत्रपाल ने उस पर किया था। हत्या की रात ही शुभम ट्रेन में बैठकर लुधियाना चला गया।
बेहोशी में आने पर आया शक के दायरे में
सरदारा ¨सह को जब उसके कमरे में देखा गया तो पुजारी नेत्रपाल वहीं बेहोश हो गया, जबकि मृतक का बेटा अनिल व ड्राइवर भी वहीं थे। पुजारी को सदमा क्यों लगा जबकि उसका बेटा सामान्य था। इसलिए पुलिस को उस पर शक हुआ। जब तक पुलिस मृतक के गोदाम पर रही वहां भी पुजारी मौजूद रहा। यहां तक की उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ। इसलिए डिटेक्टिव ने शक के आधार पर पुजारी से पूछताछ की। पूछताछ में नेत्रपाल ने सारी बात उगल दी। एसपी ने बताया कि हत्या के बदले पुजारी ने शुभम को मृतक के कमरे से मिलने वाली रकम के अलावा दो लाख रुपये अपनी तरफ से देने की बात कही थी। परंतु शुभम ने इससे इंकार करते हुए कहा कि उसने ये रुपये के लिए नहीं किया, बल्कि महिलाओं पर हो रहे शोषण को रोकने के लिए यह कदम उठाया।