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मां ने कहा, बेटे को थाने में पिटवाया था, अब जान से मार डाला किशोरी की मां बोली, पीछा करता था, ना जाने छत पर कैसे आया

सब हेड : यह हत्या, आत्महत्या या हादसा है अब तक बना है रहस्य नंबर गेम 02 माह पहले भी मि

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 03:07 AM (IST)
मां ने कहा, बेटे को थाने में पिटवाया था, अब जान से मार डाला किशोरी की मां बोली, पीछा करता था, ना जाने छत पर कैसे आया
मां ने कहा, बेटे को थाने में पिटवाया था, अब जान से मार डाला किशोरी की मां बोली, पीछा करता था, ना जाने छत पर कैसे आया

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शिव नगर में खाली मकान की छत पर लड़का-लड़की के शव मिलने के बाद दोनों के परिजन आमने-सामने हो गए हैं। मृतक सन्नी की मां मुनिया और पिता गिरीराज का कहना है कि उनका बेटा रात को अपने कमरे में सोया था। उसके कमरे का एक दरवाजा गली में खुलता है। रात को उसे कौन बुलाकर ले गया, उन्हें पता नहीं। वे सुबह उठे तो दरवाजा खुला था और सन्नी लापता। उन्हें बाद में पता लगा कि उसका शव लड़की के घर के पास बने मकान की छत पर पड़ा है। उनका आरोप है कि उनके बेटे को मारा गया है, इसकी जांच होनी चाहिए। पहले भी किशोरी के परिजनों ने उसके बेटे सन्नी के साथ मारपीट की थी। यह मामला पुलिस के पास भी गया था। सन्नी को पुलिस से भी पिटवाया गया था। बाद में इस मामले में मौजिज लोगों के कहने पर समझौता हो गया। वे उसे बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। बेटी को दिया था मोबाइल और करता था पीछा :

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मृतक किशोरी की मां का आरोप है कि उसकी बेटी रात को कमरे में सोई थी। कब वह छत पर गई उन्हें नहीं मालूम। मृतक सन्नी ने पहले भी उनकी बेटी को मोबाइल दिया था, लेकिन वह पकड़ा गया। उन्होंने इस बारे में सन्नी के परिजनों को बताया था। वह उसकी बेटी का पीछा भी करता था। उनका आरोप है कि थाने में भी जब शिकायत की तो यह बात सामने आई थी। उन्होंने इसलिए समझौता किया था, क्योंकि लड़के की गलती थी। पुलिस भी डर रही थी हाईटेंशन तारों से

जिस छत पर दोनों के शव मिले वहां से 66 केवी के हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। जब शवों की जांच की जा रही थी तो पुलिस भी इन तारों से डरती रही। उन्हें भी डर था कि कहीं वे चपेट में न आ जाएं। इसी डर से कुछ कर्मचारी तो छत पर भी नहीं गए। वे दूसरे कमरे पर खड़े होकर ही दिशानिर्देश देते रहे। एक शव तारों के इस तरफ था तो दूसरा तारों के दूसरी तरफ। पुलिस को बार-बार तारों के नीचे से झुककर इधर से उधर जाना पड़ रहा था। 60 कॉलोनियों की छत से हाईटेंशन तार के रूप में गुजर रही मौत

यह हत्या है आत्महत्या या हादसा मामला अब तक साफ नहीं हो पा या है। परंतु हाईटेंशन तार एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। आखिर कब तक हाईटेंशन तार लोगों को काल का ग्रास बनाती रहेगी। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। शहर की 60 से ज्यादा कॉलोनियों में घरों की छतों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। इनके कारण यह पहला हादसा नहीं है। गत कुछ वर्षो में दर्जनों लोग इनकी चपेट में आगर अपनी जान गंवा चुके हैं या फिर अपंग हो गए हैं। काफी समय से इन तार को हटाने की मांग शहरवासी करते आए हैं, परंतु अब तक कुछ नहीं हुआ। यहां तक कि लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। सीएम को भेजी शिकायत भी नहीं आई काम

चोपड़ा गार्डन निवासी सोनी, विक्रम, अशोक कुमार और राजकुमार का कहना है कि कॉलोनी की आबादी 10 हजार से अधिक है। लोग वर्ष 2015 से हाईटेंशन तार को हटाने के लिए प्रयासरत हैं। इस अवधि में हाईटेंशन की चपेट में आने से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड सबक नहीं ले रहा। उन्होंने अप्रैल 2018 को सीएम ¨वडो पर भी शिकायत दी। कार्यालय से उन्हें जवाब आया कि इस बारे में मुख्य सचिव हरियाणा को लिख दिया है। अब तक उनकी तरफ से कोई न तो कार्रवाई हुई और न ही कोई जवाब आया। छह करोड़ मंजूर, फिर भी ये हालात

गत वर्ष प्रदेश सरकार ने प्रदेश की कॉलोनियों में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन तार को हटाने की घोषणा की थी। इसके लिए यमुनानगर के लिए छह करोड़ रुपये का बजट भी बनाया था। इसके लिए सर्वे कराया गया, परंतु अभी तक धरातल पर कोई काम नहीं हो सका। तार हटाने की फाइल एक से दूसरे कार्यालय में घूम रही है। लोग अधिकारियों से मिलने जाते हैं तो वे लोगों को ये कहकर वापस भेज देते हैं कि तारों को हटाने का काम प्रोसेस में है।


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