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134ए के दाखिलों में लेटलतीफी, बच्चों की पढ़ाई को लेकर चितित परिजन

जागरण संवाददाता यमुनानगर 134ए उन अभिभावकों के गले की फांस बन गया है जिन्होंने अपने बचों को प्राइवेट स्कूलों पढ़ाने का सपना देखा था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 06:43 AM (IST)
134ए के दाखिलों में लेटलतीफी, बच्चों की पढ़ाई को लेकर चितित परिजन
134ए के दाखिलों में लेटलतीफी, बच्चों की पढ़ाई को लेकर चितित परिजन

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 134ए उन अभिभावकों के गले की फांस बन गया है, जिन्होंने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों पढ़ाने का सपना देखा था। दाखिला होना तो दूर अभी तक बच्चों को स्कूल भी अलॉट नहीं हो सके हैं। शिक्षा विभाग दाखिला प्रक्रिया को आगे खिसका रहा है। अभिभावकों को इस बात की चिता सता रही है कि पता नहीं बच्चों को दाखिला मिलेगा या नहीं। यदि दाखिला मिल भी गया तो वे पढ़ाई के लिए किताबें कहां से खरीदेंगे। शनिवार को भी काफी संख्या में अभिभावक बीईओ जगाधरी कार्यालय में पहुंच कर रोष जताया। लोगों को डील करने के लिए बीईओ को छुट्टी के दिन भी अपना कार्यालय खोलना पड़ा। बार-बार बदली जा रही स्कूल अलॉटमेंट की तारीख

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लोगों को पूरा अप्रैल माह बीईओ कार्यालयों में चक्कर काटने में ही बीत गया। सबसे पहले कहा गया कि 22 से 25 अप्रैल तक क्वालीफाई बच्चों के दाखिले होंगे। लेकिन 23 अप्रैल को विभाग ने स्कूल ही अलॉट नहीं किए। लोग बीईओ कार्यालय में गए तो वहां से उन्हें बता दिया गया कि अभी स्कूल अलॉट होने में पांच-छह दिन लगेंगे। अभिभावक इस उम्मीद में थे कि सोमवार को स्कूल अलॉट हो जाएंगे लेकिन शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया कि अब स्कूलों की अलॉटमेंट एक मई को होगी। बार-बार तारीख बदले जाने से अभिभावक न केवल परेशान हैं बल्कि उनमें रोष भी है। दरअसल विभाग ने इस साल 134ए की दाखिला प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। लेकिन इसके लिए पहले पूरी तैयारी नहीं की गई। मुख्यालय से बदली जा रही तारीख : बीईओ

बीईओ जय सिंह जुल्का का कहना है कि इस बार 134ए के दाखिले ऑनलाइन हो रहे हैं। इस बार बीईओ व डीईओ का दाखिले में कोई दखल नहीं है। स्कूल अलॉटमेंट की तारीख मुख्यालय से ही बदली जा रही है।

बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होगा : किरण

गांधी नगर की किरण का कहना है कि अभी उनके बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं। 134ए के तहत दाखिला होने पर उन्हें दूसरे स्कूल में जाना होगा। इससे तो उनकी एक माह की पढ़ाई का नुकसान हो जाएगा। दूसरे स्कूल में जाकर दूसरा सिलेब्स पढ़ना होगा। किताबें कहां से खरीदेंगे : सुमन भट्ट

आटीआइ के नजदीक रहने वाली सुमन भट्ट का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों की किताबें चुनिदा दुकानों पर ही मिलती हैं। हर साल ये अस्थायी दुकानें स्कूलों के सामने लगती हैं। स्कूलों में दाखिले पूरे हो चुके हैं। अब उनके बच्चों को किताबें मिलेंगी भी या नहीं इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। फोटो : 7

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न करें : किरण

वीना नगर कैंप की किरण धारिया का कहना है कि सरकार को चाहिए बच्चों को जल्द से जल्द स्कूल अलॉट किए जाएं। यदि उनके बच्चों को देरी से दाखिला मिलेगा तो वे अन्य बच्चों से पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे। सरकार को यदि सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही करनी थी तो इस पर पहले काम किया जाना चाहिए था।


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