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हार्ट केयर सेंटर की सुविधा और स्वास्थ्य सेवाओं में हो सुधार

बजट सत्र से उम्मीद किसी पीएचसी सीएचसी पर नहीं एक्सरे की सुविधा सिविल अस्पताल में की जाए फि

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 05:59 PM (IST)
हार्ट केयर सेंटर की सुविधा और स्वास्थ्य सेवाओं में हो सुधार
हार्ट केयर सेंटर की सुविधा और स्वास्थ्य सेवाओं में हो सुधार

बजट सत्र से उम्मीद : किसी पीएचसी, सीएचसी पर नहीं एक्सरे की सुविधा

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सिविल अस्पताल में की जाए फिजिशियन की नियुक्ति जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

विधानसभा के बजट सत्र से स्वास्थ्य सेवाओं में पहले से सुधार होने की उम्मीद है। लंबे समय से जिले में हार्ट केयर सेंटर की सुविधा की मांग हो रही है। लोगों की अधिक पैसा खर्च या दूसरे जिले में हार्ट की बीमारी के उपचार के लिए जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्र में तो सामान्य स्वास्थ्य सुविधाओं का बहुत बुरा हाल है। पीएचसी और सीएचसी में तो डॉक्टर तो क्या नर्स भी नहीं मिलते। बीमार लोगों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में दौड़ लगानी पड़ रही है। लोगों की मांग है कि सरकार जिस तरह से अन्य योजनाओं के लिए ग्रांट दे रही है, ठीक उसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दे। शहर में आना पड़ता है एक्सरे कराने

ग्रामीण क्षेत्र के किसी भी पीएचसी व सीएचसी पर एक्सरे की सुविधा नहीं है। एक्सरे नहीं होने से लोग काफी परेशान हैं। उन्हें इसके लिए यमुनानगर के ट्रामा सेंटर में आना पड़ रहा है या फिर प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है। इसके लिए लोगों को पहले तो डाक्टर की पर्ची कटानी पड़ती है और फिर एक्सरे की फीस अलग से देनी पड़ती है। इतना ही नहीं लोगों को कई किलोमीटर दूर किराया खर्च करके भी आना पड़ रहा है। यदि एक्सरे की सुविधा लोगों को ग्रामीण क्षेत्र पर मिले तो लोगों को सैकड़ों रुपये का फायदा होगा। साथ ही परेशानी भी कम होगी। एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाए

जिला में एंबुलेंस की भारी कमी है। शहरी और ग्रामीण जनसंख्या साढ़े 14 लाख से ऊपर है, परंतु एंबुलेंस आबादी के अनुरूप नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में तो एक-एक एंबुलेंस ही खड़ी रहती है। एक एंबुलेंस यदि किसी मरीज को लेने जा रही होती है तो अन्य मरीज परेशान हो जाते हैं। इन दिनों सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसलिए करीब 30 एंबुलेंस जिला में होनी चाहिए, लेकिन अभी तक महज 17 एंबुलेंस ही स्वास्थ्य विभाग के पास हैं। जिला में एक भी फिजिशियन नहीं

स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला में एक भी फिजिशियन नहीं है। बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीजों को देखने के लिए डाक्टर का होना जरूरी है। पहले यहां एक फिजिशियन थे लेकिन उनका ट्रांसफर हो गया। इसके अलावा दंत रोग विशेषज्ञ की कमी भी लोगों को खल रही है।


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