पिता ने बचत के बजाय बेटे पर खर्च किया पूरा वेतन, नेशनल स्कूल गेम्स में जीता गोल्ड
मुंबई में स्कूल गेम्स फेडरशन आल इंडिया ने किया था खेलों का आयोजन स्कूल ने 21 हजार रुपये
मुंबई में स्कूल गेम्स फेडरशन आल इंडिया ने किया था खेलों का आयोजन
स्कूल ने 21 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर किया सम्मानित जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पिता पवन कांबोज हैफेड में मैनेजर हैं। मैनेजर होते हुए भी हर महीना कोई बचत नहीं कर पाते। घर का खर्च निकालने के बाद जो बचत होती है उसे अपने बेटे उदित कांबोज पर खर्च कर देते हैं, क्योंकि उदित का सपना है कि वह लॉन टेनिस में रोजर फेडरर की तरहपरचम लहराए। वह बस उसका सपना पूरा करना चाहते हैं। उदित भी उनकी उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। मुंबई में स्कूल गेम्स फेडरेशन आल इंडिया की ओर से जो 64वें नेशनल स्कूल गेम्स लॉन टेनिस अंडर-19 का आयोजन किया था उसमें उदित ने गोल्ड मेडल और कांस्य पदक जीता है। ये खेल 4 से 8 फरवरी तक मुंबई में थे। दिल्ली और गुजरात से हुआ था मुकाबला
उदित के कोच विशाल शर्मा ने बताया कि इन खेलों में देश के सभी राज्यों के उच्च स्तरीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। नेशनल गेम में उदित ने दो अलग-अलग इवेंट में हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए एकल मुकाबले में दिल्ली के तुषार मदान को कड़े मुकाबले में हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसी तरह हरियाणा और गुजरात टीम के मध्य हुए मुकाबले निर्णायक मैच जीतकर उदित ने अंडर-19 केटेगरी में कांस्य पदक जीता। लगातार यह है चौथा अवसर है जब उदित ने हरियाणा को स्कूल नेशनल गेम्स में ¨सगल और टीम इवेंट में प्रतिनिधित्व किया। दो मेडल जीत कर उदित ने न केवल अपने स्कूल सेंट विवेकानंद लोटस वैली पब्लिक स्कूल सेक्टर-18, जिला का नाम बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। स्कूल ने दी 21 हजार की प्रोत्साहन राशि
खेलों के बाद स्कूल लौटने पर उदित कांबोज को सेंटर विवेकानंद लोटस वैली पब्लिक स्कूल में सम्मानित किया गया। जिला खेल अधिकारी रा¨जद्रपाल गुप्ता, प्रधानाचार्य आक्षी कांबोज, स्कूल प्रबंधक विशाल कंबोज ने ट्राफी व पुष्प भेंट कर सम्मानित किया। मौके पर उदित के पिता पवन कांबोज भी मौजूद रहे। आक्षी कांबोज ने कहा कि उदित विद्यालय का एक होनहार छात्र है जो कि खेलों में अच्छे प्रदर्शन के साथ-साथ पढ़ाई में भी सदैव अव्वल आता रहा है। सरकार से की मदद की अपील
उदित ने बताया कि वह 12वीं कक्षा में नॉन मेडिकल से पढ़ाई कर रहा है। उसकी इस जीत के लिए उसके परिवार, कोच विशाल शर्मा, स्कूल प्रधानाचार्या और मैनेजमेंट सभी ने बहुत मेहनत की है। लॉन टेनिस एक बहुत महंगा खेल है। एक रैकेट ही 15 हजार रुपये से ज्यादा का आता है। इसके अलावा जब खेलने जाते हैं तो सारा खर्च खुद ही उठाना पड़ता है। वह इंटरनेशनल लेवल पर होने वाले खेलों में गोल्ड मेडल जीतना चाहता है। यदि सरकार से उसे कुछ मदद मिल जाए तो उसे अपना सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।