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हाईटेंशन तार हटाने के लिए सरकार को नहीं मिले ठेकेदार, खतरा बरकरार

नंबर गेम 10 से 15 फुट की दूरी से खींच सकता है। 23 से 35 फुट के दायरे में नहीं बन सकता

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 07:44 PM (IST)
हाईटेंशन तार हटाने के लिए सरकार को नहीं मिले ठेकेदार, खतरा बरकरार
हाईटेंशन तार हटाने के लिए सरकार को नहीं मिले ठेकेदार, खतरा बरकरार

नंबर गेम

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10 से 15 फुट की दूरी से खींच सकता है।

23 से 35 फुट के दायरे में नहीं बन सकता मकान अब एसई जिलास्तर पर तार हटाने के लिए लगाएंगे टेंडर

60 कॉलोनियों में घरों के ऊपर से गुजर रह हैं 66केवी लाइनें राजेश कुमार, यमुनानगर : कैंप के शिवनगर में करंट लगने से प्रेमी युगल की मौत के बाद हाईटेंशन तारों का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। हाईटेंशन तार का खतरा अभी कम होने वाला नहीं है। यह खतरा बरकरार रहेगा, क्योंकि प्रदेश सरकार को अब तक इन तारों को हटाने के लिए कोई ठेकेदार नहीं मिला। 104 करोड़ का बनाया था बजट

प्रदेश में कॉलोनियों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन तारों को हटाने की घोषणा मनोहर लाल सरकार ने गत वर्ष की थी। इसके लिए 104 करोड़ रुपये का बजट भी बनाया था। यमुनानगर में इस राशि से छह करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। विद्युत निगम ने तारें हटाने के लिए टेंडर भी लगाए थे, परंतु किसी भी ठेकेदार ने तारों को हटाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस कारण तारों को हटाने का काम लटकता नजर आ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अब जिला अनुसार ही बिजली निगम के एसई तार हटाने का टेंडर लगाएंगे, जिससे कि इस काम को जल्द पूरा किया जा सके। हाईटेंशन लाइनों के नीचे धड़ल्ले से बस रहे आशियाने

हाईटेंशन तार में मौजूद करंट किसी भी व्यक्ति को 10 से 15 फुट की दूरी से खींच सकता है। छत से गुजर रहे हाईटेंशन तार से पूरे घर में करंट दौड़ने और कई लोगों के झुलसने के मामले आए दिन सामने आते हैं। इसके बावजूद भू-माफिया और अफसरों की मिलीभगत से हाईटेंशन तारों के नीचे हजारों घर बस गए हैं। नियम यह है कि हाईटेंशन लाइन के 23 से 35 फुट के दायरे में कोई निर्माण नहीं हो। अगर ऐसा होता है तो पावर कार्पोरेशन जिला प्रशासन की मदद से इस प्रकार के निर्माण को तत्काल ध्वस्त कर सकता है। जब भी करंट लगने का कोई मामला सामने आता है अवैध रूप से रह रहे लोगों को नोटिस देने की बात दोहराई जाती है, लेकिन आज तक किसी घर की एक ईंट तक नहीं हटाई जा सकी है। अपने घर की छत परायों जैसी

सरोजनी कॉलोनी की सुमन ने बताया कि हाईटेंशन तार के कारण उनके परिवार का कोई भी सदस्य घर की छत पर नहीं जाता है। घर के ऊपर से गुजर रही है 66 केवी की तार खतरा पैदा कर रही है। हाईटेंशन तार का करंट घर के आंगन में कपड़े सुखाने के दौरान भी महसूस होता है। हमारे लिए तो अपने ही घर की छत पराई जैसी हो गई है। र¨वद्र का कहना है कि बिजली निगम की अनदेखी उनके लिए विकट हालात पैदा कर रही है। हाईटेंशन तार के कारण उन्हें हमेशा ही किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। बारिश के दिनों में तो हालात इतने भयावह हो जाते हैं कि घर में रखी पानी की टंकी को भी हाथ लगाने से डर लगता है। अधिकारियों कई बार हाईटेंशन तार को हटाने की मांग कर चुके हैं, मगर अधिकारियों की उदासीनता के कारण कोई कार्रवाई नहीं की। इससे हर समय उनके परिवार के सदस्य भयभीत रहते हैं। स्थानीय स्तर पर लगाएंगे टेंडर : एसई

बिजली निगम के एसई योगराज ने बताया कि प्रदेश स्तर पर हाईटेंशन तार हटाने का टेंडर लगाया था, परंतु ठेकेदारों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब निर्णय लिया है कि जिलास्तर पर ही टेंडर लगाए जाएंगे। हमारी टेंडर लगाने की प्रक्रिया चल रही है।


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