बिना फार्म-6 भरे स्कूलों ने बढ़ा दी फीस, विभाग चुप
डीईओ ऑफिस में नहीं फार्म-6 भरने वाले स्कूलों की जानकारी ऑनलाइन आवेदन करने के बाद
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शिक्षा विभाग ठेंगा दिखाते हुए प्राइवेट स्कूलों ने इस बार भी फीस में बढ़ोतरी कर दी। जबकि फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों को फार्म-6 भरकर शिक्षा विभाग को देना था। फार्म भरने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2018 थी। ऑनलाइन भरने के बाद इस फार्म की हार्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में फार्म-6 भरने वालों की डिटेल ही नहीं है। एक अप्रैल को नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है परंतु शिक्षा विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बढ़ती महंगाई, पेट्रोल, डीजल के दामों में हुई बढ़ोत्तरी का हवाला देते हुए आधे से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों ने फीस में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। जबकि कोई भी स्कूल अपनी मर्जी से फीस व अन्य चार्ज में बढ़ोतरी नहीं कर सकता। इसके लिए स्कूलों को पहले शिक्षा विभाग को फार्म-6 भरकर देना होगा। स्कूलों को यह बताना होता है कि वे फीस क्यों बढ़ा रहे हैं। गत वर्ष के मुकाबले घाटा होने की स्थिति में ही फीस को बढ़ाया जा सकता है। शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल को फार्म-6 भरने के लिए 31 दिसंबर 2018 तक का समय दिया था। इसके लिए स्कूलों को ऑनलाइन फार्म भरना था। फिर इस फार्म की हार्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवानी थी। फार्म-6 में स्कूलों को इनकम, खर्च, स्कूल में दी जा रही सुविधाएं, स्कूल की बैलेंस शीट, वर्तमान सत्र में फीस, नए सत्र में कितनी फीस बढ़ाना चाहते हैं आदि की जानकारी देनी होती है। किसी स्कूल ने फार्म-6 भरा या नहीं इसकी कुछ भी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नहीं है। स्कूलों ने अपनी मर्जी चलाते हुए फार्म की हार्ड कॉपी भी कार्यालय में जमा नहीं कराई। स्कूलों में जोरों से हो रहे हैं दाखिले
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी, सीबीएसई व अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को फार्म-6 भरना अनिवार्य है। इन दिनों स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया जोरों पर चल रही है। स्कूलों द्वारा फीस भी बढ़ाकर ली जा रही है। क्या दाखिले पूरे हो जाएंगे इसके बाद शिक्षा विभाग नींद से जागेगा। दाखिले पूरे होने के बाद यदि अधिकारी स्कूलों पर कार्रवाई करता भी है तो क्या जो फीस स्कूल ले चुके हैं वो वापस करा सकेंगे। फिलहाल तो अधिकारी कोई कार्रवाई करने या शिकंजा कसने के मूड़ में नहीं दिख रहा। शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी इस साल फार्म भरने वाले स्कूलों का ब्योरा अपलोड नहीं किया गया है। पेरेंटस बोले, चेकिग भी होनी चाहिए:
सेक्टर-17 निवासी विकास शर्मा, रोहित, मदन लाल ने बताया कि हर साल फार्म-6 भरने के नाम पर केवल दिखावा होता है। ये फार्म भरने के बाद भी स्कूल मनमर्जी की फीस अभिभावकों से वसूलते हैं, क्योंकि अधिकारी दाखिले होने के दौरान स्कूलों की तरफ देखते तक नहीं है। इसलिए जब फार्म-6 भरा जाए इसके बाद दाखिला होने के दौरान स्कूलों में जाकर अधिकारियों को औचक निरीक्षण भी करना चाहिए। डीईओ से नहीं हो सका संपर्क
इस बारे में बात करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी आनंद चौधरी को फोन किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।