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हरियाणा के गबरू तनाव में, हो रहे हाई बीपी और डायबिटीज के शिकार

हरियाणा के युवा तनाव में हैं। राज्‍य के युवाओं को उच्‍च रक्‍तचाप और डायबिटीज तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के एक सर्वे में करीब 70 फीसद युवा इससे पीडि़त मिले।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 02:28 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 03:54 PM (IST)
हरियाणा के गबरू तनाव में, हो रहे हाई बीपी और डायबिटीज के शिकार
हरियाणा के गबरू तनाव में, हो रहे हाई बीपी और डायबिटीज के शिकार

यमुनानगर, [नीतिन शर्मा]। हरियाणा के युवाओं का स्वास्थ्य खतरे में है। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में इसका पता चला है। यमुनानगर से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि खतरा कितना बड़ा है। यहां स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम ने डोर टू डोर जाकर एक लाख चार हजार 808 लोगों का चेकअप किया। इनमें 70 प्रतिशत युवा उच्‍च रक्‍तचाप और मधुमेह की गिरफ्त में मिले। इस आंकड़े से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी चकित हैं। स्क्रीनिंग अभी जारी है। अगले माह इसकी रिपोर्ट आएगी।

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सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने युवाओं के स्वास्थ्य की रिपोर्ट के लिए स्‍क्रीनिंग कराने का फैसला लिया है। इसकी जिम्मेदारी जिले में आशा वर्करों को दी गई है। इसके लिए पहले उनको चेकअप करने की ट्रेनिंग दी गई। इसमें उनको बीपी आैर शुगर लेबल चेक करना सिखाया गया। 

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उनसे कहा गया कि यदि किसी मरीज में गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो उसकी जानकारी जिला मुख्यालय में दें। सिविल सर्जन ने बताया कि स्‍क्रीनिंग अभी खत्म नहीं हुई है। इस कार्य को चार चरणों में पूरा किया जाना है। अभी जो रिपोर्ट जारी हुई है, ये बीते दिनों में की है। उच्च रक्तचाप से पीडि़त मरीज सामने आए उनका सरकारी अस्पताल में नियमित चेकअप हो रहा है। रुटीन दवा के सेवन से मरीज ठीक हो रहे हैं। उन्होंने युवाओं को सुझाव दिया कि खानपान की शैली में सुधार लाए। दिनचर्या में नियमित सैर करने से बीमारी जल्दी ठीक होगी।

क्यों बढ़ता है बीपी

तनाव व चिंता की वजह से बीपी बढ़ता है। कोशिश की जाए की तनाव न हो। तनाव होने की स्थिति में थोड़ा बाहर टहल आएं। अगर कार्यस्थल पर किसी प्रकार का तनाव है तो थोड़ा ब्रेक लेकर खुद को रिलेक्स कर सकते हैं। फास्टफूड से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही मैदे से बने खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी उच्च रक्तचाप की शिकायत को आमंत्रित करता है। मधुमेह भी तनाव से होता है। इसके साथ ही ज्यादा मोबाइल का प्रयोग न करें।

डायबिटीज व हाई बीपी का संबंध

डायबिटिज और हाई ब्लड प्रेशर में बहुत ज्यादा गहरा संबंध है। डायबिटीज के रोगियों में उच्च रक्तचाप होने का खतरा बना रहता है।  डायबिटीज के मरीज मुश्किल से ही बीपी का शिकार होने से बच पाता है। 60 प्रतिशत से भी ज्यादा मामलों में ऐसा देखा गया है कि शुगर के मरीज उच्च रक्तचाप के शिकार हो जाते हैं। इसके लिए डायबिटीज होने पर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।

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ऐसे बच सकते हैं उक्त रक्तचाप से

डायबिटीज का मरीज कुछ प्रयास करने से हाई ब्लड प्रेशर के शिकार होने से काफी हद तक बचे रह सकते हैं। हर रोज एक घंटे के लिए व्यायाम करना चाहिए। पैदल चलना भी लाभदायक है। डायबिटीज के मरीज के सिगरेट से दूर रखना चाहिए, क्योंकि सिगरेट अथेरोसेलोरोसिस का प्रमुख कारण है। यह रक्तचाप को बढ़ाता है। इस रोग के मरीज स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ खाएं। तंबाकू, शराब जैसे हानिकारक पदार्थों को छोड़ दें। भरपूर नींद लें। ऐसा करने पर डायबिटीज के मरीज उक्त रक्त चाप से बच सकते हैं।

डायबिटीज से आती है ये दिक्कत

डॉ. संजीव शर्मा के मुताबिक, डायबिटीज की बीमारी होने पर गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। गुर्दे की बीमारी, अंधापन, दिल का दौरा व अन्य बीमारी हो सकती है। उसी तरह उच्च रक्तचाप एक खतरनाक बीमारी है, जिसके दिल का दौरा, स्ट्रोक का खतरा रहता है।

अवरोध पैदा होने लगता है

सामान्य गति की बजाए धीमी गति से रक्त संचार होने पर खून का दबाव रक्त धमनियों की दीवारों पर पड़ता है। इसको उच्च रक्तचाप कहा जाता है। रक्त संचार किसी भी कारण से बाधित हो सकता है। रक्‍त के गाढ़ा होने से भी इसका प्रवाह धीमा पड़ जाता है। रक्त वाहिनियों की दीवारों पर प्लेक जमा होने से भी रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है या रक्त वाहिनियों के सिकुड़ जाने से भी रक्त संचार में बाधा हो जाती है।


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