चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन बना मिलों और किसानों के लिए आफत, मार्केट का गणित बिगड़ा
चीनी की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर से मार्केट का गणित बिगड़ गया है। केंद्र सरकार ने 20 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट करने का निर्णय लिया है।
यमुनानगर [संजीव कांबोज]। चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन ही शुगर मिलों और उत्पादक किसानों के लिए आफत बन गया है। उन्हें राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट करने का निर्णय लिया है, लेकिन चीनी के मौजूदा भाव को देखते हुए यह इतना आसान नहीं है।
मिल सूत्रों के मुताबिक मंदी के इस दौर में यदि शुगर मिल चीनी एक्सपोर्ट भी करें तो भाव 2200 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे, जबकि मिलों को मार्केट में चीनी 2715 रुपये प्रति क्विंटल बेचनी पड़ रही है। यह भाव नवंबर 2017 से 960 रुपये कम है।
देश में बीते वर्ष 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो इस बार 315 लाख टन पर पहुंच गया। प्रदेश की 11 शुगर मिलों की बात की जाए तो बीते वर्ष चीनी का कुल उत्पादन 53 लाख टन और इस बार बढ़कर 70 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
यमुनानगर की अग्रणी सरस्वती शुगर मिल के बीते पेराई सीजन में चीनी का कुल उत्पादन 16 लाख क्विंटल हुआ था, लेकिन इस बार 19.50 लाख क्विंटल होने का अनुमान है। मिल अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में गन्ने के 600 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। सरस्वती चीनी मिल के दायरे में आने वाले यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और अंबाला के 25 हजार किसानों का 70 करोड़ रुपये अटका हुआ है।
एक्सपोर्ट नहीं तो और आएगी गिरावट
दरअसल, उत्पादन अधिक होने की स्थिति में चीनी की मांग और सप्लाई को संतुलित करने व कीमतों में सुधार की उम्मीद से ही सरकार ने 20 लाख क्विंटल चीनी के एक्सपोर्ट का निर्णय लिया। यदि एक्सपोर्ट पर सहमति बनती है तो कीमतों में सुधार की संभावना है, लेकिन यदि ऐसा न हुआ तो चीनी की कीमतों में और भी गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
20 मई तक चलेंगे अधिकांश मिल
गन्ने का रकबा अधिक होने के कारण इस बार चीनी मिलें 20 मई तक चलेंगी। ऐसा कई वर्षों में पहली बार हो रहा है। यमुनानगर की सरस्वती चीनी मिल बीते वर्ष 30 अप्रैल को बंद हो गई थी। इस बार यह भी 20 मई तक चलेगी।
सरकार को स्थिति बताई, जल्द निकलेगा समाधान
सरस्वती शुगर मिल के सीनियर वाइस चेयरमैन डीपी सिंह का कहना है कि केवल हमारी मिल ही नहीं बल्कि देश व प्रदेश की सभी चीनी मिलें वित्तीय संकट से जूझ रहीं हैं। मार्केट के मौजूदा हालातों को देखते हुए चीनी का एक्सपोर्ट भी बड़ा मुश्किल है। सरकार को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। उम्मीद है जल्दी ही कोई न कोई हल निकल जायेगा।
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