जल संरक्षण में योगदान देने वाली ग्राम पंचायतें 26 जनवरी को होंगी सम्मानित : रजनी
जल संरक्षण में योगदान देने वाली ग्राम पंचायतें सम्मानित होंगी। ये पुरस्कार 26 जनवरी को जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में दिया जाएगा। उक्त जानकारी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग वासो की जिला सलाहकार रजनी गोयल ने दी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जल संरक्षण में योगदान देने वाली ग्राम पंचायतें सम्मानित होंगी। ये पुरस्कार 26 जनवरी को जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में दिया जाएगा। उक्त जानकारी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग वासो की जिला सलाहकार रजनी गोयल ने दी।
उन्होंने कहा कि पुरस्कार की राशि 2001 की जन-गणना के अनुसार होगी। गांव की जन संख्या दो हजार तक है तो 20 हजार रुपये, दो हजार से तीन हजार की आबादी पर 30 हजार, तीन हजार से चार हजार की आबादी पर 40 हजार तथा चार हजार से अधिक की आबादी पर 50 हजार की राशि व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी के बाद पहुंचने वाले आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। आवेदन मिलने के बाद विभागीय टीम ग्राम पुरस्कार के मापदंडों का निरीक्षण करेगी। उन्होंने बताया कि 2 जनवरी तक ग्राम पंचायतें जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के दशहरा ग्राउंड स्थित कार्यालय या संबंधित उपमंडल अभियंता पब्लिक हेल्थ आफिस में आवेदन कर सकती हैं। जल संरक्षण के मापदंडों को पूरा करने वाली ग्राम पंचायतों को पुरस्कार दिया जाएगा। इसके तहत जो ग्राम पंचायतें सभी निजी व सार्वजनिक नलों पर 100 प्रतिशत टोंटी लगवाना सुनिश्चित करे और 75 प्रतिशत घरों में निजी पानी के कनेक्शन विभाग की ओर से स्वीकृत हो, ऐसी ग्राम पंचायतों को जन स्वास्थ्य विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की ओर से पुरस्कृत करने की योजना है। उन्होंने बताया कि पांच मई 2017 से जिला में विशेष जल संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत 297 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण का संदेश दिया गया। इन पंचायतों में ग्राम पंचायत चंगोली, भेरथल, कान्हरि खुर्द, मुस्तफाबाद, मंसूरपुर, , खिजराबाद, चीकन, तलाकौन, चाहड़वाला, नाचरौन, भंगेड़ी, कूलचंदू, गनौली, रणजीतपुर, भगवान पुर, लेदा खास हैं। अब तक विशेष जल संरक्षण अभियान में अब तक 79 हजार 708 घरों का डोर टू डोर सर्वे कर लोगों को पानी बचाने बारे प्रेरित किया जा चुका है। जिससे 9488 पानी के कनेक्शन विभाग की ओर मंजूर भी किए गए। 53 लाख 8 हजार रुपये का राजस्व भी सरकार को मिला। ग्रुप मी¨टग, जल स्वच्छता कमेटी, इंटर पर्सनल कम्युनिकेशन एवम 238 स्कूलों में जाकर अध्यापकों व स्कूली बच्चों को पानी बचाने के लिए जागरूक किया और उनको इस अभियान से जोड़ा।