छह साल से बंद प्लांट में कचरा निस्तारण का काम शुरु, सवा लाख टन कचरा किया जाएगा खत्म
जागरण संवाददाता यमुनानगर स्वच्छ सर्वेक्षण- 2021 से पहले ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट में कचरे के
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्वच्छ सर्वेक्षण- 2021 से पहले ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट में कचरे के निस्तारण का काम शुरू हो गया है। यह प्लांट छह वर्ष से बंद पड़ा था। अब हालात ऐसे हैं कि प्लांट में कचरा डालने की जगह नहीं है। सोमवार को मेयर मदन चौहान व सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा ने जेसीबी के पंजे पर नारियल फोड़ कर निस्तारण की शुरूआत की। कचरा निस्तारण का काम पूणे की बीवीजी (भारत विकास ग्रुप) कंपनी करेगी। इस पर दस करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां पड़े सवा लाख टन कचरे को कंपनी बायोरेमेडिएशन तकनीक से खत्म किया जाएगा। अब नहीं आएगी बदबू
मेयर मदन चौहान ने कहा कि कैल कचरा निस्तारण प्लांट छह साल से बंद था। यहां पर शहर का कचरा डंप हो रहा है। प्लांट न चलने से यहां पर बदबू का माहौल था। शहर के लोगों की लगातार शिकायतें आ रही थी। यहां से आने जाने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता था। यूएलबी (अर्बन लोकल बॉडी) की ओर से पूणे की बीवीजी कंपनी को यह काम दिया गया है। चार माह में यहां से कचरा साफ हो जाएगा। बारिश व अन्य प्राकृतिक दिक्कतों के चलते पांच से छह माह में कचरा प्लांट को खाली किया जाएगा। इसके लिए कंपनी यहां पर अपनी मशीनें लगाकर बायोरेमेडिएशन तकनीक से कचरा साफ करेंगी। इसके तहत कचरे को रिफॉर्म साइज में लाकर छनाई कर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की रूलिग व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जारी गाइडलाइन में रीयूज व डिस्पोज करेंगे। इसके बाद इसमें बैक्टीरिया छोड़ा जाएगा। इससे ऑर्गेनिक खाद तैयार किया जाएगा। सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा ने कहा कि यह शहर की सबसे बड़ी समस्या बन गई थी। प्लांट शुरू होने से शहर की सफाई व्यवस्था और ज्यादा सु²ढ़ होगी।
18.74 करोड़ रुपये से 12 एकड़ में लगाया गया था प्लांट
ट्विवन सिटी से निकलते कचरे के निस्तारण के लिए सरकार ने वर्ष-2012 में 18.74 करोड़ रुपये से अंबाला-जगाधरी मार्ग पर कैल के पास लगभग 12 एकड़ में ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट लगाया था। पहले ठेका मुंबई की कंपनी को दिया गया था। जो 30 साल का करार कर दिसंबर 2014 में बीच में छोड़ गई। इसके बाद छह वर्षों से प्लांट बंद है। करोड़ों रुपये की मशीनरी जंग खा चुकी है।
हर दिन निकलता है 350-400 टन कचरा:
निगम क्षेत्र से हर दिन 350 से 400 टन कचरा निकलता है, लेकिन प्लांट बंद होने के कारण कचरे का निस्तारण नहीं हो रहा है। इसलिए प्लांट के अंदर व बाहर कचरे के ढेर लग रहे थे। हालात ऐसे हैं कि कचरा जगाधरी-अंबाला नेशनल हाईवे तक जा पहुंचा था। हाईवे पर सरपट वाहन दौड़ते हैं। ऐसे में हवा के कारण ये कचरा उड़ता रहता था। जिससे वाहन चालकों को दिक्कत हो रही है।