15 साल पुराने वाहनों की नई आरसी पर नहीं लिख रहे फ्यूल, लोगों को दोबारा जमा करानी पड़ रही फीस
15 साल पुराने वाहनों की आरसी अब रिन्यू (नवीनीकरण) हो रही है परंतु जिस वाहन की नई आरसी बनाई जा रही है। उस पर नहीं लिखा जा रहा कि वह वाहन पेट्रोल से चलने वाला है या डीजल से। आरसी में फ्यूल यूज्ड के आगे कुछ भी नहीं लिखा जा रहा। ऐसे में चालक अपने वाहनों को बाहर ले जाने से भी डर रहे हैं क्योंकि पुलिस चालान काटने के लिए उन्हें रोकती है तो तरह-तरह के सवाल करती है। लोगों को यहां तक कह जा रहा है कि कहीं यह आरसी फर्जी तो नहीं है क्योंकि इस पर पेट्रोल या डीजल नहीं लिखा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
15 साल पुराने वाहनों की आरसी अब रिन्यू (नवीनीकरण) हो रही है, परंतु जिस वाहन की नई आरसी बनाई जा रही है। उस पर नहीं लिखा जा रहा कि वह वाहन पेट्रोल से चलने वाला है या डीजल से। आरसी में फ्यूल यूज्ड के आगे कुछ भी नहीं लिखा जा रहा। ऐसे में चालक अपने वाहनों को बाहर ले जाने से भी डर रहे हैं क्योंकि पुलिस चालान काटने के लिए उन्हें रोकती है तो तरह-तरह के सवाल करती है। लोगों को यहां तक कह जा रहा है कि कहीं यह आरसी फर्जी तो नहीं है क्योंकि इस पर पेट्रोल या डीजल नहीं लिखा है। दोबारा फीस जमा करा बनवा रहे आरसी :
जिन आरसी पर पेट्रोल-डीजल नहीं लिखा आ रहा अब उन्हें दोबारा आरसी बनवानी पड़ रही है। इसके लिए उन्हें गलती ठीक करने वाला फार्म भरना पड़ता है। परंतु इसके लिए उन्हें बाइक आरसी के 380 रुपये व कार के लिए 530 रुपये जमा कराने पड़ रहे हैं। इसके लिए एसडीएम कार्यालय में नए सिरे से फाइल जमा होती है। दोबारा आरसी बनने में एक सप्ताह का समय लगता है जो डाक के माध्यम से घर आती है। जगाधरी एसडीएम कार्यालय में एच से पी सीरीज के वाहन 15 साल पुराने हैं। आनलाइन रिकार्ड पूरी तरह से आनलाइन नहीं :
15 साल पहले जिन वाहनों का पंजीकरण हुआ था तब उनका रिकार्ड आनलाइन नहीं था। बाद में इस रिकार्ड को आनलाइन किया गया। परंतु इसे आनलाइन करते समय कुछ कमियां रह गई। वाहन पंजीकरण का जो साफ्टवेयर है वह फ्यूल यूज्ड के कालम को खाली छोड़ देता है। जिस कारण यह दिक्कत आ रही है। ज्ञात हो गैर कामर्शियल वाहनों की आरसी 15 साल के लिए वैध होती है। इसके बाद इसे दोबारा रिन्यू कराना होता है। गलती के लिए कर्मचारियों से उलझ रहे लोग :
आरसी में गलती किए जाने पर लोग एसडीएम कार्यालय में आरसी बनाने वाले कर्मचारियों से उलझ रहे रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि उन्होंने आरसी में गलती की है, इसलिए वही इसे ठीक कराएं। कई बार तो लोग एसडीएम के पास चले जाते हैं।
केस नंबर एक :
इनका हो गया चालान :
सावनपुरी के पवन ने बताया कि उनकी बाइक की आरसी की वैधता दो माह पहले खत्म हो गई थी। उसने एसडीएम कार्यालय से दोबारा आरसी बनवाई तो उसमें पेट्रोल या डीजल नहीं लिखा था। उसे तो इसका पता भी नहीं था। पुलिस ने जब उसे चौक पर चालान काटने के लिए पकड़ा तो उसे पता चला। उसने दोबारा फीस दी तब जाकर इसे ठीक किया गया।
अब दोबारा से फीस भरनी पड़ेगी :
चोपड़ा गार्डन निवासी प्रभा ने बताया कि कार की आरसी की वैधता खत्म होने पर नई आरसी बनाई थी। उनकी कार पेट्रोल की है, लेकिन आरसी पर यह अंकित नहीं किया। जब इस बारे में कर्मचारियों ने पूछा तो उन्होंने दोबारा से फीस भरने की सलाह दी। पूरे प्रदेश में साफ्टवेयर की दिक्कत : सुशील कुमार
एसडीएम जगाधरी सुशील कुमार का कहना है कि 15 साल पुराने वाहनों में यह समस्या पूरे प्रदेश में आ रही है। यह साफ्टवेयर की कमी है। इसके लिए एनआइसी को पत्र लिख कर शिकायत भी कर चुके हैं, परंतु कोई समाधान नहीं हुआ। साफ्टवेयर पर कोई ऐसा विकल्प नहीं है। जिसमें बिना फीस लिए दोबारा आरसी बनाई जा सके।