ऑनलाइन एडमिशन: उच्चतर शिक्षा विभाग में साढ़े चार हजार ई- मेल को जवाब का इंतजार
ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया के दौरान उच्चतर शिक्षा विभाग के पास विद्यार्थियों की करीब साढ़े चार हजार ई-मेल पेंडिग पड़ी हैं।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया के दौरान उच्चतर शिक्षा विभाग के पास विद्यार्थियों की करीब साढ़े चार हजार ई-मेल पेंडिग पड़ी हैं। इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें आरक्षण संबंधी हैं, जिसमें बीसी कैटेगरी के विद्यार्थियों को जनरल में दर्शाया दिया। इन गलतियों को ठीक कराने में जहां उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं, वहीं विद्यार्थियों को चिता सता रही है कि अगर उनकी कैटेगरी ठीक नहीं हुई, तो उन्हें वेटेज व स्कॉरलशिप से वंचित रहना पड़ेगा।
अध्यापकों की गलती का खामियाजा भुगत रहा उच्चतर शिक्षा विभाग
हरियाणा के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों ने 12वीं कक्षा के परीक्षा फॉर्म भरते समय बीसी कैटेगरी के बहुत सारे विद्यार्थियों को जनरल में दर्शा दिया। उनका मानना था कि सरकार द्वारा एससी कैटेगरी के विद्यार्थियों को ही स्कॉरलशिप दी जाती है। बाकि कैटेगरी को कोई लाभ नहीं मिलता, जिस कारण ऐसा हुआ। परीक्षा के समय न तो विद्यार्थियों को इसके बारे में पता चला और न ही संबंधित स्कूल के अध्यापकों ने इस ओर ध्यान दिया। जब विद्यार्थियों ने कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आवेदन किया, तो उन्हें इस गलती के बारे में पता चला, जिसके बाद वे हरकत में आए और उन्होंने उच्चतर शिक्षा विभाग को ई-मेल भेजकर उपरोक्त गलती को ठीक करने की मांग की है।
नहीं मिल पाएगी स्कॉलरशिप व वेटेज
बोर्ड ने जिन बीसी कैटेगरी के विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जनरल कैटेगरी में दर्शाया हैं, उन्हें न तो सरकार की तरफ से जारी स्कॉलरशिप मिल पाएगी और न ही एडमिशन के दौरान वेटेज मिलेगी। ऐसे विद्यार्थियों को चिता सता रही है कि अगर समय रहते इस गलती को ठीक नहीं किया गया, तो वे एडमिशन से भी वंचित रह सकते हैं, क्योंकि जनरल कैटेगरी में मेरिट काफी हाई जाती है। इसके अलावा बोर्ड की उपरोक्त गलती की वजह से कॉलेजों का रिकार्ड भी खराब हो रहा है। क्योंकि जब भी उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्कॉलरशिप से संबंधित विद्यार्थियों को डाटा मांगा जाएगा, तो वह गलत ही जाएगा।
जवाब देने में हा रही दिक्कतें:
उच्चतर शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अरुण जोशी के मुताबिक एक-एक विद्यार्थी की ओर से 10-10 ई-मेल भेजी जा रही हैं। विभाग के कर्मचारी प्रत्येक ई-मेल को चेक कर उसका जवाब दे रहे हैं। कई बार जब मेल चेक करने के बाद जब डाटाबेस में जाकर उसे ठीक करते हैं, तो पता चलता है कि उस समस्या का समाधान पहले से ही किया जा चुका है। ऐसे में विभाग का काम बेवजह बढ़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग के पास साढ़े चार हजार से ज्यादा मेल पेंडिग पड़ी हुई है। कर्मचारी दिनरात काम कर उनका समाधान करने में जुटे हुए हैं।