स्कूलों के 43 भवन कंडम, गिराने की तैयारी में विभाग
43 सरकारी स्कूलों के भवन कंडम हैं। इनको विभाग ने गिराने की तैयारी कर ली है। जल्द उनको गिरा दिया जाएगा। खस्ताहाल भवनों में बच्चे नहीं बैठाए जाते। इसके अलावा ऐसे स्कूलों की कमी नहीं है जहां बरसात के दौरान जलभराव हो जाता है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 43 सरकारी स्कूलों के भवन कंडम हैं। इनको विभाग ने गिराने की तैयारी कर ली है। जल्द उनको गिरा दिया जाएगा। खस्ताहाल भवनों में बच्चे नहीं बैठाए जाते। इसके अलावा ऐसे स्कूलों की कमी नहीं है, जहां बरसात के दौरान जलभराव हो जाता है। उस दिन बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है। इस बारे में संबंधित स्कूलों के अध्यापकों की ओर से विभागीय अधिकारों को पत्र लिखे गए। इन पर गौर नहीं किया गया। जगाधरी खंड शिक्षा अधिकारी जय सिंह जुल्का ने बताया कि जो भवन पीडब्ल्यूडी की ओर से कंडम बताए गए हैं। उनमें बच्चे नहीं बैठाए जाते। ये पुराने भवन हैं। बच्चे नए भवन में बैठाए जाते हैं। कंडम भवन जल्द गिराए जाएंगे।
बुनियादी सुविधा भी नदारद
हालात यह है कि बुनियादी सुविधाएं तक स्कूलों से नदारद हैं। गंदगी के बीच नौनिहाल स्वच्छता का पाठ पढ़ रहे हैं। बरसात के दिनों में स्कूल की पढ़ाई व्यवस्था भगवान भरोसे रहती है। जलभराव रहने के कारण कई बार स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है। रविवार को आई बरसात से बूड़िया प्राइमरी स्कूल में अब तक जलभराव है। जलभराव से यहां की चारदीवारी भी टूट चुकी है। चारों तरफ कमरे बने हैं। यहीं तीन आंगनबाड़ी केंद्र हैं। पानी के कारण यहां नौनिहालों का पोषाहार खराब हो गया। इसी तरह लापरा, कैत के सरकारी स्कूल में जलभराव की समस्या बनी है। बच्चे कीचड़ से होकर किसी तरह कक्षा तक पहुंच पाते हैं। मंडी सरकारी स्कूल की चारदीवारी गिर चुकी है। इसी तरह नंदगढ़ सरकारी स्कूल की चारदीवारी गिरी है।
इनको गिराने की तैयारी
प्राइमरी स्कूल यमुनानगर के चार कमरे, सुढैल प्राइमरी में चार कमरे, हरनोल के सात, रायपुर के दो, लापरा के तीन, मंडेबर के तीन, शादीपुर के पांच, नागल के चार, यमुनानगर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के दो, जगाधरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पांच, हरीपुर कंबोज स्कूल के चार कमरे कंडम घोषित किए गए हैं।