पीने को पानी नहीं, सड़कें बनीं तालाब निगम और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
नगर निगम के वार्ड 21 और 22 की 40 कॉलोनियां मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं। 50 हजार की आबादी 10 साल से टैक्स भरने के बावजूद परेशान है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
नगर निगम के वार्ड 21 और 22 की 40 कॉलोनियां मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं। 50 हजार की आबादी 10 साल से टैक्स भरने के बावजूद परेशान है। 30 वर्ष से यहां के लोगों को कोरे आश्वासन मिल रहे हैं। शुक्रवार को कॉलोनीवासियों के सब्र का बांध टूट गया। शहीद भगत सिंह जनकल्याण एसोसिएशन के बैनर तले सरकार और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुस्साए लोगों ने कहा कि इन कॉलोनियों के हालात देखकर नहीं लगता कि ये शहर का हिस्सा हैं। यहां की केवल दस प्रतिशत गलियां ही पक्की हैं। गैस लाइन और सीवर लाइन डालने के काम ने यहां के हालात ज्यादा बिगाड़ दिए हैं। अब बारिश में यहां की गलियां तालाब बनी हैं। निकासी के लिए सीवर की 80 फीसद लाइन बिछ चुकी है, लेकिन आज तक चालू नहीं हो पाई। 25 गलियां ऐसी हैं, जिनमें आज तक बिजली का पोल तक नहीं लगाया गया। 20 गलियां ऐसी हैं, जिनमें पीने के पानी की लाइन तक नहीं बिछ पाई। ये कॉलोनियां झेल रही अनदेखी
बैंक कॉलोनी, रामनगर, राजीव गार्डन, कांसापुर, शिवपुरी-ए, शिवपुरी-बी, विकास नगर, विशाल नगर, सरोजनी कॉलोनी, गोल्डनपुरी, नेता जी नगर, मायापुरी, भूरिया कॉलोनी, मोती बाग, त्यागी गार्डन, अशोक विहार कॉलोनी, बंसत विहार कॉलोनी, त्यागी गार्डन, अशोक विहार, बसंत विहार, एकता विहार, मुकंद विहार, विवेक विहार सहित 40 कॉलोनियां हैं। डीसी से लगाई कॉलोनी का दौरा करने की मांग पर अड़े रहे
कॉलोनीवासी अनाज मंडी गेट पर इकट्ठे हुए। यहां से रोष मार्च निकालते हुए लघु सचिवालय में पहुंचे। महिलाओं और पुरुषों ने सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तियां हाथों में पकड़ी हुई थी। करीब 20 मिनट भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में डीसी मुकुल कुमार प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और ज्ञापन लिया। कॉलोनीवासी इस बात पर अड़े रहे कि एक बार कॉलोनियों का दौरा कीजिए। हालातों को देखकर आप खुद हैरान होंगे। इस पर डीसी ने कहा कि वे जल्द ही इन कॉलोनियों का दौरा करेंगे। कोशिश करेंगे कि इन कॉलोनियों में जल्द सुविधाएं मुहैया करा दी जाएं। 30 वर्ष से बसी कॉलोनियां
शहीद भगत सिंह जन कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश कुमार, रोडवेज यूनियन से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे हरिनारायण शर्मा, राजा राम, दलीप सिंह, रामसिंह, नरेश शर्मा, धर्मवीर, निर्मल कुमार, पुष्पा रानी, सरोज, रेखा, उषा व अन्य ने बताया कि ये कॉलोनियां 30 वर्ष पुरानी बसी हुई हैं। आज तक इन कॉलोनियों को अवैध करार देकर विकास से दूर रखा। एक ओर सरकार समान विकास का नारा दे रही है, वहीं दूसरी ओर उनकी कॉलेानियों में ऐसे हालात हैं, जो विकास के दावों की पोल खोल रहे हैं, लेकिन अब कॉलोनीवासी चुप नहीं बैठेंगे। यदि जल्द इन कॉलोनियों में विकास शुरू नहीं हुआ तो विधानसभा चुनाव में भाजपा नेताओं को कॉलोनियों में नहीं घुसने दिया जाएगा। कॉलोनियों में पानी निकासी, बिजली-पानी और सफाई का बुरा हाल है। बारिश होने पर लोग घरों में कैद हो जाते हैं। रिश्तेदारों ने आना तक छोड़ दिया है। 10
घरों में कैद हो जाते लोग
कॉलोनीवासी रशमी देवी का कहना है कि गलियां कच्ची होने के कारण इन कॉलोनियों में स्कूल बसें नहीं आती। बच्चों को स्कूल जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश होने पर तो हालात और भी खराब हो जाते हैं। क्षेत्र की एक गली पक्की नहीं है। इन दिनों कीचड़ होने के कारण घर से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं। वाहन लेकर जाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। जब हम सभी सभी प्रकार का टैक्स अदा कर रहे हैं तो सुविधाओं से महरूम क्यों रखा जा रहा है। 11
एक बार कॉलोनी का दौरा कर लें
बाला का कहना है कि कॉलोनियों में पीने के पानी की तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसी कॉलोनियों की संख्या कम नहीं है, जहां आज तक पीने के पानी के लिए पाइप लाइन ही नहीं दबी। सरकार विकास का राग अलाप रही है। यदि वाकई विकास देखना है तो वार्ड 21 और 22 की कॉलोनियों का दौरा कर लो। इन दिनों दौरा करें तो और भी बेहतर है। आखिर कब सुध लेंगे अधिकारी
मुकेश बैरागी कहना है कि बैंक कॉलोनी के घरों के उपर से हाइटेंशन तार गुजर रही हैं। सरकार बजट भी पास कर चुकी है, लेकिन आज तक तारों को नहीं हटवाया गया। इनके कारण एक वर्ष में 8-10 हादसे हो चुके हैं। आखिर प्रशासन कब जागेगा। कब तक कॉलोनीवासी नेताओं और अधिकारियों की अनदेखी का दंश झेलते रहेंगे। सरकार डिजिटल इंडिया व स्वच्छ भारत की बात कर रही है, लेकिन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। सरकार को परिणाम भुगतने की चेतावनी
हरिनारायण शर्मा का कहना है कि अब अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी। करीब 50 हजार की आबादी व्यवस्था को कोस रही है। अधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन आज तक मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई। यदि समय रहते इन कॉलोनियों में निकासी, पीने का पानी, सड़कों को पक्का और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गई तो सत्ता पक्ष के नेताओं को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अधिकारी भी रह गए थे हैरान
राजाराम का कहना है कि गत दिनों तत्कालीन डीसी और नगर निगम के अधिकारियों ने इन कॉलोनियों में स्थिति का जायजा लिया था। वे भी यहां के हालात देखकर हैरान रह गए थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्दी की सड़कों के निर्माण काम काम शुरू हो जाएगा। आज तक नहीं हुआ। गत दिनों प्रशासन को ज्ञापन भी दे चुके हैं। इन दिनों सड़कें तालाब बनी हैं। हर दिन हादसे हो रहे हैं। अब तो ये कॉलोनियां वैध भी हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री और मेयर के प्रति भी गुस्सा
प्रभावित लोगों में केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, सांसद नायब सैनी, मेयर मदन चौहान और विधायक श्याम सिंह राणा के खिलाफ भी गुस्सा है। आरोप है कि इन नेताओं को केवल हमारी याद चुनाव के दिनों में आती है। उसके बाद कोई सुध लेने तक भी नहीं आता। उन्होंने उक्त नेताओं से एरिया का दौरा करने की मांग की है। पार्षदों की भी सुनिए :
इस एरिया की कॉलोनियों को सरकार ने वैध कर दिया है। अब इनमें विकास कार्य करवाना ही प्राथमिकता है। सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है। जल्दी ही अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवा दी जाएंगी। इसके लिए सरकार प्रयासरत है।
अभिषेक शर्मा, पार्षद, वार्ड-21 वार्ड की कुछ कॉलोनियों को भाजपा सरकार ने अभी वैध किया गया है। पूर्व की सरकार ने इस एरिया की ओर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण यहां के हालत बिगड़े है। अब इस एरिया में सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है। जल्दी इनको जोड़ दिया जाएगा। अन्य कार्यों के भी एस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। जल्दी ही काम शुरू करा दिए जाएंगे।
सविता कांबोज, पार्षद वार्ड-22