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14 साल से पटवारी के इंतजार में कस्बावासी

जमीन संबंधी कार्य के लिए जाना पड़ता 10 किलोमीटर तेजली में बैठने वाला पटवारी के न मिलने पर

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 04:49 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 01:04 AM (IST)
14 साल से पटवारी के इंतजार में कस्बावासी
14 साल से पटवारी के इंतजार में कस्बावासी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बूड़िया में वर्ष 2003-04 में पंचायत ने पटवारी के लिए स्थायी कार्यालय बनाया था, जिससे कस्बावासियों को कार्य कराने में सुविधा हो, लेकिन अब पटवारी तेजली अस्थायी कार्यालय में बैठता है। जो कस्बा से 10 किलोमीटर है। कई चक्कर काटने के बावजूद पटवारी नहीं मिलता। अगर मिल भी जाए तो फाइल में एतराज लगाकर आवेदक वापस भेज देता है। इससे उनका पैसा और समय दोनों खराब हो रहे हैं। सरकार इसकी सुध नहीं ले रही है। इस कारण लोगों में रोष व्याप्त है। ऑटो स्टैंड के नजदीक बना है कार्यालय

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बूड़िया में बने ऑटो स्टैंड के नजदीक पटवारी का कार्यालय बना है। जब यहां पंचायत का कार्यकाल था तो उस वक्त अलग भवन बनाया था। अब इसको नया बनाया गया है। कार्यालय बनने के बाद जिस पटवारी की ड्यूटी यहां लगी थी। पदोन्नत होकर कानूनगो बना। उसके बाद रिटायर हो गए। इनके जाने के बाद सरकार की ओर से यहां किसी पटवारी को नहीं लगाया गया। जमीन के काम के लिए जाना पड़ता है तेजली

कस्बे से 10 किलोमीटर दूर तेजली में पटवारी तैनात है। इनके पास ही बूड़िया का क्षेत्र आता है। जब से निगम में बूड़िया आया तब से जमीन संबंधी कार्य के लिए लोग यहां आते हैं। यहां पटवारी आवेदकों को एक बार में नहीं मिलते। कई चक्कर लगाने के बाद ही पटवारी मिलता है। ये फाइल पर कोई न कोई आपत्ति लगाकर वापस भेज देता है। इससे आवदेक का समय खराब होता है। फोटो : 03

सरकार को देना चाहिए ध्यान : शिवकुमार

शिव कुमार बताते हैं कि जब भवन की सुविधा कस्बे में दी गई है। सरकार को इसकी सुध लेकर यहां पटवारी की नियुक्ति करनी चाहिए। इससे उनको घर द्वार पर सुविधा मिलेगी। फोटो 04

नियुक्ति करें सरकार : बिरमपाल

बिरमपाल का कहना है कि जब पटवारी ही नहीं तैनात करना था। ऐसे में भवन बनाने का कोई लाभ नहीं है। जनता के पैसे का सही उपयोग नहीं हो रहा है। वे सरकार से मांग करते हैं कि लोगों की सुविधा के लिए यहां नियुक्ति करें। फोटो : 05

नहीं हुई दिक्कत दूर : शीशपाल

शीशपाल ने बताया कि वह परिचित के साथ गए थे। तेजली में उनको पटवारी नहीं मिला। एक नहीं कई चक्कर लगाो के बाद मिला। तब भी जमीन संबंधी काम नहीं हुआ। वे फाइल में संशोधन कराने के बाद दोबारा गए। तब भी आपत्ति दूर नहीं हुई।


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