Yamunanagar News: विदेश भेजने व रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी के आरोपित पिता पुत्र गिरफ्तार
विदेश भेजने व रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी की गई। रटौली निवासी रणधीर सिंह व चोपड़ा गार्डन निवासी विरेंद्र गुप्ता से 72 लाख रुपये ठगे थे। इस संबंध में सेक्टर 17 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया हुआ है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। विदेश भेजने व नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने के आरोपित सेक्टर 17 निवासी प्रदीप व उसके बेटे दीपक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने रटौली निवासी रणधीर सिंह व चोपड़ा गार्डन निवासी विरेंद्र गुप्ता से 72 लाख रुपये ठगे थे। इस संबंध में सेक्टर 17 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया हुआ है। इन आरोपितों पर वर्ष 2019 में केंद्रीय अधिकारी बनकर डीसी को नौकरी लगवाने के नाम पर दबाव बनाने का भी केस दर्ज है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, रटौली निवासी रणधीर सिंह की आरोपित दीपक व उसके पिता प्रदीप से जान पहचान थी। एक दिन आरोपितों ने उन्हें अपने घर बुलाया। यहां पर उन्हें पहले लोगों के लगाए गए वीजा दिखाए। कहा कि वह उसका कनाडा का वीजा लगवा देगा और वहां की पीआर (परमानेंट रेजीडेंस) दिलवा देंगे। टोकन मनी के रूप में दस लाख रुपये मांगे। आरोपित प्रदीप सिंगला ने उन्हें खुद को केंद्रीय अधिकारी बताया। यहां तक कि उसने फेसबुक पर भी अपनी आइडी में खुद को केंद्रीय अधिकारी लिखा हुआ है। जिससे रणधीर सिंह उसके झांसे में आ गए।
परिवार सहित वीजा लगवाने के 40 लाख रुपये मांगे। इसके बाद 22 लाख रुपये खाते में अलग-अलग तारीखों में लिए। बाद में आरोपितों ने फर्जी वीजा तैयार कर भेज दिया था। एंबेसी के फर्जी लेटर भी दिए। जब एंबेसी में पता किया, तो जानकारी मिली कि उनके परिवार का कनाडा में कोई वीजा नहीं है। जिस पर उनसे पैसा वापस मांगा। आरोपितों ने पैसा देने से इंकार कर दिया और धमकी दी।
रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 45 लाख ठगे
इसके अलावा चोपड़ा गार्डन निवासी वीरेंद्र गुप्ता भी रणधीर सिंह के माध्यम से आरोपित दीपक सिंगला व उसके पिता प्रदीप के संपर्क में आया। आरोपितों ने उसके बच्चों की रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। आरोपितों ने डिवीजनल सीनियर मैकेनिकल के पद पर लगवाने का झांसा दिया। जिस पर आरोपितों ने तीन बच्चों की नौकरी लगवाने के नाम पर 45 लाख रुपये ठग लिए और फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिए। इसका पता लगने पर आरोपितों से बात की और पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने पैसे देने से इन्कार कर दिया था।