लॉकडाउन में बढ़ी यमुना नदी के प्रति आस्था, कर रहे अस्थि विसर्जन
वायरस के कारण देश भर में घोषित लोकडाउन के चलते पंजाब व हरियाणा राज्य के लोग हथनिकुंड बैराज पर यमुनानदी में अस्थि विसर्जन कर रहे हैं। इससे यमुना नदी के प्रति आस्था बढ़ गई है। बैराज पर लगे पुलिस नाके से अस्थियां लेकर दूर-दराज से आए लोग यमुना के पवित्र जल में स्नान कर जल साथ लेकर जा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, प्रतापनगर : कोरोना वायरस के कारण देश भर में घोषित लॉकडाउन के चलते पंजाब व हरियाणा राज्य के लोग हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी में अस्थि विसर्जन कर रहे हैं। इससे यमुना नदी के प्रति आस्था बढ़ गई है। बैराज पर लगे पुलिस नाके से अस्थियां लेकर दूर-दराज से आए लोग यमुना के पवित्र जल में स्नान कर जल साथ लेकर जा रहे हैं। कालेश्वर महादेव मठ के स्वामी शांतानंद के अनुसार यमुना का महत्व पुराणों में भी मिलता है। बृहस्पतिवार को पंजाब के जिला तरनतारन से आए केवल कृष्ण ने बताया कि वह अपनी पत्नी रौणकी की अस्थियां लेकर हर की पौड़ी हरिद्वार की ओर रवाना हुए थे। पांच बजे हथनीकुंड बैराज पर पहुंचे तो हरियाणा पुलिस ले उनको जाने की अनुमति दे दी क्योंकि उनके पास मूवमेंट पास था। उप्र पुलिस ने उन्हें पास दिखाने के बावजूद रोक दिया गया। उन्होंने यमुना नदी में ही अस्थि विसर्जन किया।
इसी प्रकार, पाकिस्तान के बॉर्डर के समीप गांव अलगू कोठी निवासी तरसेम ने बताया कि वह पंजाब से 500 किलोमीटर की दूरी तय करके अपनी पत्नी गुलशन रानी की अस्थियां लेकर हरिद्वार जा रहे थे। उनको भी उप्र पुलिस ने रोक दिया है। उन्होंने ने भी यहीं पर अस्थि विसर्जन किया। कालेश्वर महादेव मठ के स्वामी शांतानंद ने बताया कि यमुना नदी भी गंगा की भांति पवित्र है। पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपायी, पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल, रणबीर सिंह हुड्डा सहित अन्य कई बड़ी हस्तियों की अस्थि विसर्जन यमुना में किया जा चुका है।