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अब नगर निगम में बैठेंगे पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन व एसडीओ

नगर निगम एरिया के लोगों को अब पानी की समस्या नहीं आएगी। क्योंकि अब पब्लिक हेल्थ के अधिकारी नगर निगम में बदले जा रहे हैं। वहीं से अब वह पेयजल की दिक्कतों की सुनवाई करेंगे। इससे शहर के लोगों को फायदा होगा, क्योंकि निगम के पास कोई तकनीकी स्टाफ नहीं था। आएगी। क्योंकि

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 12:47 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 12:47 AM (IST)
अब नगर निगम में बैठेंगे पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन व एसडीओ
अब नगर निगम में बैठेंगे पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन व एसडीओ

पोपीन पंवार, यमुनानगर

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नगर निगम एरिया के लोगों को अब पानी की समस्या नहीं आएगी। क्योंकि अब पब्लिक हेल्थ के अधिकारी नगर निगम में बदले जा रहे हैं। वहीं से अब वह पेयजल की दिक्कतों की सुनवाई करेंगे। इससे शहर के लोगों को फायदा होगा, क्योंकि निगम के पास कोई तकनीकी स्टाफ नहीं था। इस वजह से लोगों को भारी समस्या आ रही थी। जिस जिले में निगम है, उसमें पब्लिक हेल्थ से एक एक्सईएन, दो एसडीओ और छह जेई भेजे जाएंगे। सरकार ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। हालांकि इन आदेशों से ग्रामीण क्षेत्रों में दिक्कत बढ़ सकती है। स्टाफ की कमी के कारण वहां पर ट्यूबवेल ठीक नहीं हो पाएंगे, जिससे पेयजल संकट बढ़ जाएगा। एक्सईएन अर¨वद रोहिला का कहना है कि ये सच है पब्लिक हेल्थ के अफसर निगम में बदले जा रहे हैं। तकनीकी काम पब्लिक हेल्थ के अधिकारी ही कर सकते हैं।

भाजपा सरकार ने कुछ समय पहले शहरी एरिया का पेयजल सप्लाई का काम नगर निगम को सौंप दिया था।

जब से पब्लिक हेल्थ को नगर निगम में मर्ज किया गया है। तब से ही पेयजल की समस्या बढ़ रही है। शहर के लोगों को दिक्कत आ रही है। नगर निगम के पास पहले से ही स्टाफ कम है। अब ऐसे में पब्लिक हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को भी समाधान नहीं हो रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि निगम के पास कोई एक्सपर्ट नहीं है। साथ ही निगम में कर्मचारियों का टोटा है। इसे देखते हुए ही अब सरकार ने एक्सईएन व एसडीओ समेत जेई को नगर निगम में भेजा जाएगा। अब यह अधिकारी नगर निगम में बैठेंगे और वहीं पर पेयजल व सीवरेज से जुड़ी समस्याएं सुनेंगे। इससे लोगों की समस्याओं का समय से समाधान हो सकेगा।

नए के अलावा मरम्मत के कार्य भी करेगा निगम

पहले तो सरकार ने निगम को शहरी एरिया पेयजल सप्लाई के नए काम सौंपे थे। बाद में मरम्मत का कार्य भी निगम के हवाले कर दिया। पाइप लाइन लीकेज, खराब मोटर बदलने का काम भी निगम से ही होगा। जानकारों का ये भी कहना है कि निगम के अपने काम ही अधूरे पड़े हैं। पब्लिक हेल्थ का कार्य कैसे संभव होगा, क्योंकि बिना पानी के एक दिन भी नहीं रहा जा सकता है। इसके लिए निगम के अधिकारियों को तत्परता दिखानी होगी।

प्रदेश के 10 निगमों में होगी ये व्यवस्था

प्रदेश के दस निगमों रोहतक, करनाल, हिसार, पानीपत, यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। इन सभी निगमों में पब्लिक हेल्थ को मर्ज किया गया है।


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