ईपीएफ कमिशनर ने एजुकेशन डायरेक्टर को लिखा पत्र
ईपीएफ के नियमों के साथ खिलवाड़ करने का स्कूल संचालकों पर आरोप है। डेढ़ साल से ईपीएफ अधिकारी शिक्षा विभाग और भिवानी बोर्ड को स्टाफ का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने और कार्रवाई के लिए पत्र लिख रहे थे।
पोपीन पंवार, यमुनानगर : जिले के 48 स्कूलों ( भिवानी व सीबीएसई बोर्ड के ) की मान्यता पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सवाल खड़े किए हैं। ईपीएफ के नियमों के साथ खिलवाड़ करने का स्कूल संचालकों पर आरोप है। डेढ़ साल से ईपीएफ अधिकारी शिक्षा विभाग और भिवानी बोर्ड को स्टाफ का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने और कार्रवाई के लिए पत्र लिख रहे थे। जब कोई एक्शन नहीं हुआ तो अब एजूकेशन डायरेक्टर को स्कूलों की मान्यता रद करने के लिए पत्र लिखा है। साथ ही मामले की जांच के लिए भी सिफारिश की है। इसमें भिवानी बोर्ड के 40 व सीबीएसई बोर्ड के आठ स्कूलों के नाम शामिल है। इनकी बस जब्त और स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की
विभाग के मुताबिक भंभोली एरिया में सीबीएसई बोर्ड से स्कूल चल रहा है। बच्चों की संख्या एक हजार के पार है। तीन लाख की रिकवरी के लिए कई दफा पत्र लिखा गया। पुलिस का सहयोग मांगा गया। मगर कोई हल नहीं निकला। इस स्कूल की बस जगाधरी शहर में ईपीएफ अधिकारियों ने देखी। बस जब्त करने के लिए आरटीए विभाग को लिखा गया है। साथ की मान्यता के लिए बोर्ड से सिफारिश की गई है। यहां से उठा था पर्दा
वर्ष 2016-17 में शिक्षा विभाग ने जिले के 103 स्कूलों की सूची हाईस्कूल की मान्यता के लिए निदेशालय को भेजी गई थी। इसमें से 48 स्कूलों को अस्थायी मान्यता मिली। बकाया अधूरे दस्तावेजों की वजह से इस रेस से बाहर हो गए। मान्यता वाले स्कूलों की सूची सार्वजनिक होने पर भविष्य निधि संगठन के अधिकारियों ने 48 स्कूलों का रिकॉर्ड खंगाला। तब पता चला कि 40 स्कूल ऐसे हैं, जिनके कर्मचारियों को ईपीएफ व ईएसआइ की सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। हद तो यह हुई कि अधिकारियों को रिकॉर्ड में 10 से कम टीचिग व नॉन टीचिग स्टाफ मिला, जबकि शिक्षा विभाग के नियम के हिसाब से मान्यता के लिए 25 बच्चों पर एक टीचर और हाईस्कूल स्तर पर विषय के हिसाब टीचर की नियुक्ति अनिवार्य है। प्रबंधन व अन्य कार्यों के लिए स्टाफ अलग से होता है। यहां पर इन नियमों की पालना नहीं हुई। लोकप्रिय निवेश है ये : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अधिकारियों के मुताबिक वेतनभोगियों के लिए सबसे लाभदायक एवं लोकप्रिय निवेशों में कर्मचारी भविष्य निधि है। संस्था के कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन एवं बीमा संबंधी मिलता है। इस अंशदान पर ब्याज दर भी अधिक मिलता है। बीस या इससे अधिक कार्यरत कर्मचारियों वाले सभी संगठनों को भविष्य निधि खाता रखना आवश्यक है। जिस कर्मचारी को ईपीएफ नहीं मिल रहा है। वह कर्मचारी भविष्य निधि विभाग ईमेल डीओ डॉट वाइआर---- ईपीएफइंडिया डॉट जीओवी डॉट ईन व कार्यालय में शिकायत कर सकता है। कार्यकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा। कर्मचारियों का हक हड़पने वाले लोगों को छोड़ेंगे नहीं : कमिशनर
कर्मचारी भविष्य निधि के कमिशनर मंयक बंसल का कहना है कि हैरानी की बात है कि मान्यता लेकर स्कूल स्टाफ कम दिखा रहे हैं। यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों का हक मारा जा रहा है। इस मामले में जब हमें एजूकेशन व बोर्ड अधिकारियों से सहयोग नहीं किया, तब डायरेक्टर को लेटर लिखा गया है। पत्र लिखने के बाद कुछ स्कूल संचालक रिकार्ड लेकर भी आए है, जिन्होंने नियमानुसार ईपीएफ देने की बात कही है।