अपनी कमाई के लिए हरियाली की बलि चढ़ा रहे
अपनी कमाई के लिए हरियाली की बलि चढ़ा रहे
जागरण संवाददाता, यमुनानगर
शहजादपुर पांसरा रोड पर गांव कनालसी व भोगपुर के पास वन विभाग के पेड़ सुरक्षित नहीं हैं। अपने लाभ के लिए कुछ फैक्ट्री वाले धड़ल्लें से हरे पेड़ों की बली चढ़ा रहे हैं। घटती हरियाली पर वन विभाग और प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। इसी का लाभ उठाकर दर्जनों पेड़ों को सुखा दिया गया और कई पेड़ों को काट दिया गया। पेड़ों की दुर्दशा पर पर्यावरण प्रेमी बेहद दुखी हैु।
शहजादपुर पांसरा रोड पर दो फैक्ट्रियों के बाहर दर्जनों सफेदे के पेड़ सूखे हुए हैं। इन फैक्टरियों के पास कई नई फैक्ट्रियों को लगाने की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है। एक फैक्ट्री संचालक ने अपनी फैक्ट्री के समाने से तमाम पेड़ गायब कर दिए। मौके पर पड़े पेड़ों के मूल व टहनियां इसकी गवाही दे रहे हैं।
किसान संघ के जिला रामबीर चौहान व यमुना बचाओ समिति के पदाधिकारी किरणपाल राणा का कहना है कि सरकार व सामाजिक संगठन पर्यावरण को बचाने के लिए पौधारोपण का अभियान चला रहे हैं। अभियानों पर हर साल लाखों रुपये भी खर्च हो रहे हैं। पेड़ फैक्ट्रियों के सामने कैसे सूख रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। इस मामले को सीएम ¨वडो और एनजीटी तक पहुंचाया जाएगा। उनका आरोप है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही इस तरह से पेड़ों की कटाई और सूखने की घटना हो सकती है। गड़बड़ है, इसकी जांच होनी चाहिए :
एसईएस(हरियाणा इन्वायरमेंटल सोसाइटी) के अध्यक्ष प्रो. एसएल सैनी का कहना है कि फैक्ट्रियों के बाहर पेड़ सूखना, गड़बड़ी की तरफ इशारा करता है। वन विभाग को सैंपल लेकर जांच करवानी चाहिए। उसके बाद पता चल जाएगा कि पेड़ों को केमिकल से सूखाया गया है अन्य किसी तरह से।
सौ साल तक के पेड़ खड़े हैं जिले में :
सफेदे के पेड़ की उम्र लंबी होती है। छछरौली एरिया में सौ साल से भी ज्यादा उम्र के पेड़ सुरक्षित खड़े हैं। शहजादपुर पांसरा रोड पर फैक्ट्री के पास पेड़ कैसे सूख गए। इस पर वन विभाग के अधिकारियों को ¨चतन करना चाहिए। यदि वन विभाग के अधिकारी इस मामले में भी कोई सख्ती नहीं दिखाएंगे तो इस तरह से हरियाली को खत्म करने वालों के हौसले बुलंद हो जाएंगे। मैं खुद जांच करूंगी इस मामले की :
डीएफओ निवेदिता का कहना है कि फैक्ट्री के पास पेड़ों का सूखना और फैक्ट्री लगाने के लिए पेड़ों को काटना दोनों की मामले गंभीर है। उनके संज्ञान में यह मामला आ गया है। निश्चित ही इस मामले की जांच होगी। जांच के बाद जो भी दोषी सामने आएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पेड़ों को सूखना और काटना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।