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अवैध खनन से हरियाणा और उप्र में बाढ़ का खतरा, निशानदेही के लिए बनेगी कमेटी

अवैध खनन की वजह से हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:37 AM (IST)
अवैध खनन से हरियाणा और उप्र में बाढ़ का खतरा, निशानदेही के लिए बनेगी कमेटी
अवैध खनन से हरियाणा और उप्र में बाढ़ का खतरा, निशानदेही के लिए बनेगी कमेटी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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अवैध खनन की वजह से हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। मंगलवार को टास्क फोर्स के अधिकारियों के निरीक्षण में खुलासा हुआ है। हथिनीकुंड बैराज के विश्राम गृह में टास्क फोर्स कमेटी के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और यमुनानगर के पुलिस और प्रशासनिक अफसर शामिल हुए। इस दौरान अवैध खनन रोकने के लिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी बनाने का निर्णय लिया। इसका एक माह में गठन होगा। यह कमेटी अवैध खनन रोकने पर काम करेगी। डेढ़ घंटे चली बैठक में खनन से जुड़े दस बिदुओं पर चर्चा हुई। इसमें हरियाण-उत्तर प्रदेश की सीमा पर निशानदेही और यमुना नदी के किनारे जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए काम करने पर जोर दिया। निशानदेही नहीं होने से सीमा के लिए विवाद होता रहा है। खनन माफिया भी इसका लाभ उठाता है। यूपी की पुलिस आने पर एरिया हरियाणा को बताकर माइनिग होती है। यदि मीटिग में लिए फैसलों पर अधिकारियों ने गंभीरता से काम किया तो निश्चित ही इसका दोनों राज्यों को लाभ होगा।

एनजीटी की सख्ती के बाद अवैध खनन के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा का प्रशासन हरकत में आया है। इस बैठक में यमुनानगर डीसी आमना तस्नीम और सहारनपुर के डीएम आलोक पांडेय भी मौजूद थे। इसमें में ओवरलोडिंग और अवैध खनन का ही मुद्दा हावी रहा। इस पर दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर काम करने का निर्णय लिया। इसके तहत ओवरलोड वाहनों पर दोनों राज्यों के अधिकारी मिलकर लगाम कसेंगे। ड्रोन से होगी निगरानी

अवैध माइनिग रोकने के लिए ड्रोन से निगरानी की जाएगी। अधिकतर रात के समय यमुना से लगते बोर्डर पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ओर से खनन होता है। इसके लिए ड्रोन कैमरे के जरिये निगरानी रखी जाएगी। जिससे पता लग सके कि खनन करने वाले उत्तर प्रदेश की ओर से आ रहे हैं या फिर यमुनानगर की ओर से खनन हो रहा है। स्क्रीनिग प्लांटों के दस्तावेज करेंगे साझा

यमुनानगर में चल रहे स्क्रीन प्लांटों के दस्तावेज भी दोनों जिलों के पुलिस प्रशासनिक अफसरों को साझा किए जाएंगे। इससे पता लग सके कि कौन से स्टोन क्रशर वैध हैं या अवैध। प्रतापनगर और छछरौली एरिया में करीब 200 स्टोन क्रशर चल रहे हैं। यह विभाग का रिकॉर्ड है, जबकि अवैध के बारे में कोई रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है। अब इन प्लांटों के दस्तावेज साझा होंगे, तो इन पर सहारनपुर जिले का प्रशासन भी कार्रवाई कर सकेगा। ओवरलोड से सड़क टूटी रही है और लोगों की जान भी जा रही है। तटबंधों और पुलिया के 2.1 किमी में खनन पर पूर्ण पाबंदी

बैठक के बाद दोनों जिलों के अधिकारियों ने हथिनीकुंड, लालटोपी घाट ताजेवाला, आरडी 11000 क्षेत्र ताजेवाला का निरीक्षण किया। हालांकि इस दौरान कही पर खनन होता नहीं मिला। इसके बावजूद भी दोनों जिलों के अधिकारियों ने बैराज के साथ-साथ तटबंधों और पुलियों के 2.1 किलोमीटर ऊपर और इतनी ही दूरी के नदी क्षेत्र में नीचे की ओर किसी भी प्रकार से खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने की बात कही। इसके साथ ही सहारनपुर और यमुनानगर के एरिया के एसडीएम भी रात के समय अवैध खनन रोकने के लिए नियमित पुलिस के साथ चेकिग करेंगे। पेंडिग केसों पर कोई चर्चा नहीं

अवैध खनन और पुलिस के मारपीट की घटनाएं सीमा पर होती रहती है। कार्रवाई के नाम पर केवल केस दर्ज होते हैं। यूपी के बेहट और मिर्जापुर थाने में यमुनानगर के 50 से ज्यादा लोगों पर मारपीट, फायरिग और अवैध माइनिग का मामला दर्ज है। इनमें से कई लोग सत्ता पक्ष नेताओं के काफी करीबी है। पुलिस इनको गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं कर पाती। इस मीटिग में पेंडिग केसों में फरार चल रहे आरोपितों को गिरफ्तारी की कोई चर्चा नहीं हुई। मीटिग में दोनों जिलों के एसपी भी थे। यह रहे बैठक में मौजूद

यमुनानगर के एसपी कुलदीप सिंह, एडीसी प्रशांत पंवार, सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार, जगाधरी एसडीएम सतीश कुमार, बिलासपुर एसडीएम गिरीश कुमार, बेहट एसडीएम योगराज सिंह, नकुड़ एसडीएम पीएस राणा, यमुनानगर के डीएफओ सूरजभान, सिचाई विभाग एक्सईएन हरदेव कांबोज, विनोद कुमार, जिला खनन अधिकारी संजय कुमार भी मौजूद रहे।


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