हर गांव में जाकर तलाशे जाएंगे आयुष्मान योजना के पात्र : डा. अश्विनी अलमादी
कोरोना महामारी के दौरान आयुष्मान कार्ड धारकों को बड़ा फायदा मिला।
कोरोना महामारी के दौरान आयुष्मान कार्ड धारकों को बड़ा फायदा मिला। हालांकि अभी तक सभी पात्रों के कार्ड नहीं बन सके हैं। किसी के नाम में खामी है, तो कुछ पात्रों का पता नहीं लग रहा है। जिले में चार लाख 24 हजार पात्रों में से एक लाख 60 हजार कार्ड ही बन सके हैं। स्वास्थ्य विभाग इन पात्रों को तलाशने के लिए गांवों में शिविर लगा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से यह प्रक्रिया भी बाधित हो गई थी। आयुष्मान योजना के बारे में नोडल अधिकारी डा. अश्विनी अलमादी से संवाददाता अवनीश कुमार ने विशेष बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के अंश- सवाल : आयुष्मान कार्ड काफी कम ही बन पाए हैं, क्या कारण है।
जवाब : ऐसा नहीं है। आयुष्मान कार्ड बनाने में प्रदेश में यमुनानगर का स्थान तीसरा है। यहां पर एक लाख 60 हजार पात्रों के कार्ड बन चुके हैं। फरवरी माह में गांवों में आयुष्मान योजना के पात्रों के कार्ड बनाने के लिए वैन चलाई गई थी, लेकिन कोरोना की वजह से वह बीच में बंद हो गई। अब फिर से यह सेवा शुरू कर दी गई है। हमारी कोशिश है कि जो भी पात्र उन सभी के गोल्डन कार्ड बने। हर गांव में आयुष्मान वाहन जाएगा। सवाल : पात्रों के नामों में काफी त्रुटियां हैं।
जवाब : जिन पात्रों के नामों में गलती है। वह शपथ पत्र के साथ राशन कार्ड व आधार कार्ड देकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बने हेल्प डेस्क पर ठीक करा सकते हैं। इसके साथ ही अब सरपंच, बीडीपीओ या फिर सीनियर मेडिकल आफिसर से नाम की तस्दीक कराकर ठीक करा सकते हैं। जिसके नाम में गलती है। उसे ठीक करा लेना चाहिए। सवाल : क्या कोई नया आवेदक भी कार्ड बनवा सकता है।
जवाब : जी नहीं, यह सरकार के सर्वे के मुताबिक ही लिस्ट जारी हुई है। फिलहाल कोई नया आवेदक आवेदन नहीं कर सकता। केवल जिन लोगों के नाम पात्रता सूची में है। उन्हीं के कार्ड बनाए जाएंगे। सवाल : पात्रता के बारे में कैसे पता कर सकते हैं।
जवाब : इसके लिए कई माध्यम है। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बने हेल्प डेस्क पर पात्रता का पता किया जा सकता है। वेबसाइट पीएमजे डाट जीओवी डाट इन पर भी आयुष्मान योजना में पात्रता का पता किया जा सकता है। सवाल : कितनी तरह की बीमारियां इसमें शामिल हैं।
जवाब : इसमें 1395 तरह की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। अभी कोरोना को भी इसमें शामिल किया गया है। जिले में 925 आयुष्मान कार्ड धारकों की कोरोना की टेस्टिग व इलाज हुआ है। अभी सरकार इसमें कुछ और बीमारियों को शामिल करने की तैयारी कर रही है। सवाल : कुछ पात्र लोगों के कार्ड भी रिजेक्ट हुए हैं।
जवाब : उन लोगों के पात्र रिजेक्ट हुए हैं। जिन्होंने आधार कार्ड से लिक नहीं कराया है। ऐसे पात्रों के पास भी आशा वर्करों के जरिए सूचना भिजवाई जा रही है। ताकि वह अपने नजदीकी हेल्प डेस्क पर जाकर आधार कार्ड को लिक करा दें। इससे पात्रों के अंगूठे का निशान आ जाएगा। यदि किसी पात्र ने आधार कार्ड से कार्ड को लिक नहीं कराया और सीधा इलाज लेने के लिए चले गए, तो उन्हें इलाज नहीं मिलेगा। सवाल : अब तक कितने लोग आयुष्मान योजना से इलाज करा चुके हैं।
जवाब :अब तक करीब 16 हजार पात्रों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज लिया है। इसमें साढ़े 12 हजार मरीजों ने निजी और करीब साढ़े तीन हजार मरीजों ने सरकारी अस्पतालों में इस योजना के तहत इलाज कराया। जिसका क्लेम भी साढ़े 13 करोड़ रुपये अस्पतालों को दिया गया है।