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जल संरक्षण नहीं किया तो भविष्य में होंगे परेशान : डीसी

उपायुक्त आमना तस्नीम ने जिला सचिवालय से जल बचाने की जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। सभी ने जल बचाने के शपथ ली। इस आयोजन जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 10:14 AM (IST)
जल संरक्षण नहीं किया तो भविष्य में होंगे परेशान : डीसी
जल संरक्षण नहीं किया तो भविष्य में होंगे परेशान : डीसी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: उपायुक्त आमना तस्नीम ने जिला सचिवालय से जल बचाने की जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। सभी ने जल बचाने के शपथ ली। इस आयोजन जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने किया। डीसी ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल ही जीवन है, जल है तो कल है या बिन पानी सब सूना है। पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा जल से घिरा हुआ है, बावजूद इसके दुनिया के कोने-कोने में पानी का संकट बरकरार है। दुनिया आधुनिकीकरण और औद्योगिकरण की राह पर आगे बढ़ रही है। पानी की एक-एक बूंद कीमती है। फिर भी बेहिसाब इसकी बर्बादी की जाती रही है। जिसका नतीजा दुनिया के अधिकांश देशों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने साल 1992 में अपने अधिवेशन में 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। दुनिया के करीब 1.5 अरब लोग पीने के शुद्ध पानी से महरूम हैं। पानी को बर्बाद होने से बचाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल सके। भारत में दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में भले ही पानी की किल्लत विकराल रुप में नहीं है। लोग दूषित पानी पीकर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन के कारण कम बारिश, बाढ़ और अकाल जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में पानी बचाने के लिए हर व्यक्ति को पहल करनी चाहिए। पृथ्वी का करीब 71 फीसदी भाग जल से घिरा हुआ है, जबकि 29 फीसदी भाग पर स्थल है। जहां इंसान और दूसरे प्राणी रहते हैं। पृथ्वी की सतह में सबसे ज्यादा पानी समुद्र में फैला हुआ है। कुल पानी का लगभग 97 फीसदी पानी समुद्र में पाया जाता है, लेकिन खारा होने के कारण इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। पृथ्वी पर 3 फीसदी हिस्से में मौजूद पानी पीने के लायक है, जो ग्लेशियर, नदी, तालाबों में पाया जाता है। इस तीन फीसदी पानी में भी 2.4 फीसदी हिस्सा ग्लेशियरों, दक्षिणी ध्रुवों पर जमा है, जबकि बचा हुआ 0.6 फीसदी पानी नदी, तालाबों, झीलों और कुओं में मौजूद है। रैली सेक्टर-17, छोटी लाइन होते हुए नेहरू पार्क, माडल टाऊन, दशहरा ग्राउड, पब्लिक हेल्थ कार्यालय पहुंची। इस अवसर पर जिला सलाहकार रजनी गोयल, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता गौतम कुमार, एसडीओ अर्पित धीमान, श्याम लाल, विनोद कुमार, जेई महाबीर, दीपक कुमार, ईश्वर चंद उपस्थित थे।

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