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बैठक में हुई हिदू नव वर्ष पर चर्चा

पंचनद शोध संस्थान की जिला यमुनानगर इकाई की बैठक कोषाध्यक्ष डॉ. हेमंत मिश्र के आवास पर राजकीय कालेज बिलासपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रमेश धारीवाल की अध्यक्षता में हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 01:19 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 01:19 AM (IST)
बैठक में हुई हिदू नव वर्ष पर चर्चा
बैठक में हुई हिदू नव वर्ष पर चर्चा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर:

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पंचनद शोध संस्थान की जिला यमुनानगर इकाई की बैठक कोषाध्यक्ष डॉ. हेमंत मिश्र के आवास पर राजकीय कालेज बिलासपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रमेश धारीवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में भारतीय नववर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला। मिठाई बांटकर नववर्ष का स्वागत किया।

संस्थान महासचिव डॉ. उदय भान ने बताया कि हिदू नव वर्ष की विशेषता प्रकृति में स्वयं दिखाई देती है। वृक्षों में नई पत्तियां व कोपलें आती हैं। पतझड़ खत्म होकर बसंत का आगमन होता है। चारों और हरियाली दिखाई देती है।दिन सुहावने लगने लगते है।

संस्थान के अध्यक्ष सुरेश पाल ने कहा कि भारत के चक्रवर्ती राजा विक्रम सैन ने अपने शोर्य व पराक्रम के बल पर विक्रमाद्वितीय की उपाधि प्राप्त कर ईसा से 57 वर्ष पूर्ण विक्रमी संवत की शुरूआत की थी। उन्होंने लोगो का आह्वान किया कि नव वर्ष पर संकल्प लें और ऐसे भारत का सपना सजोएं जिसमें अतीत की अच्छाइयों का संरक्षण देने की क्षमता हो। डॉ. हेमंत मिश्र ने कहा कि आज हमारे जीवन में अंग्रेजी केलेंडर प्रभावी है। पर वह हमारी संस्कृति व पंचाग के साथ मेल नहीं खाता। अध्यक्ष डॉ. रमेश धानीवाल ने कहा कि आजादी के बाद हम अपनी संस्कृति को ²ढ़ता से नहीं संभाल सके। हमारे सभी त्योहार पूर्णत: वैज्ञानिक है और हमारी सभ्यता दुनिया की सभ्यताओं से अग्रणी है।


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