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सिविल इंजीनियरिग छोड़ बेटियों को आत्मरक्षक बना रहे विकास

राटे कोच विकास बामणिया बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं। वह बेटियों को निशुल्क ट्रेनिग देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 09:32 AM (IST)
सिविल इंजीनियरिग छोड़ बेटियों को आत्मरक्षक बना रहे विकास
सिविल इंजीनियरिग छोड़ बेटियों को आत्मरक्षक बना रहे विकास

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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29 वर्षीय कराटे कोच विकास बमणिया बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं। वह बेटियों को निशुल्क ट्रेनिग देते हैं। उनकी सिखाई कई लड़कियां राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुकी है। उनकी बमणिया एकेडमी में युवक-युवतियां व महिलाएं भी कराटे की ट्रेनिग ले रही हैं। महिलाएं भी खुद अपनी रक्षा कर सके। इसलिए उन्हें भी विकास की एकेडमी में ट्रेनिग दी जाती है। अब तक 310 लड़कियों व महिलाओं को आत्मरक्षक बना चुके हैं।

सिविल इंजीनियरिग की छोड़ दी पढ़ाई :

विकास को कराटे का शौक 11वीं में लगा। उस समय वह गर्वनमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल चंडीगढ़ सेक्टर 27 में वह पढ़ते थे। यहीं स्कूल में कराटे की ट्रेनिग शुरू की। जिला व राज्य स्तर पर कई प्रतियोगिताएं जीती। दिल्ली में नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं। इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता नेपाल में उन्होंने 2010 में सिल्वर मेडल जीता। पांच साल बाद विकास को ब्लैक बेल्ट हासिल हुई। इसके साथ ही वह सिविल इंजीनियरिग की पढ़ाई भी करते रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल तक नौकरी की। जिस वजह से कराटे की ट्रेनिग को कम समय दे पाते थे। जिस वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी। 2016 में एकेडमी शुरू कर दी। सेकेंड डिग्री ब्लैक बेल्ट हासिल की। वर्तमान में वह यमुनानगर डिस्ट्रिक कराटे एसोसिएशन के ज्वाइंट सचिव हैं। इस समय उनकी चोपड़ा गार्डन, कैंप व छछरौली में कराटे एकेडमी चल रही है। बेटियों को आत्मरक्षक बनाना जरूरी :

विकास का कहना है कि इस समय में बेटियों की सुरक्षा जरूरी है। जब उन्होंने एकेडमी शुरू की, तो बेटियों को निशुल्क ट्रेनिग देने लगे। धीरे-धीरे उनके पास लड़के भी सीखने के लिए आने लगे। लड़कों से वह फीस लेते हैं, लेकिन बेटियों को निशुल्क ट्रेनिग दी जाती है। उनका कहना है कि आज के समय में कराटे में बेटियों को कोई आगे नहीं आने देता। यह प्रयास इसलिए ही किया गया, जिससे बेटियों को आर्थिक रूप से कोई तंगी न हो और वह कराटे सीख सके। कई लड़कियों ने जीते गोल्ड :

विकास की सिखाई कई लड़कियों ने नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर भी नाम चमकाया है। इनमें हरमीत कौर, पूर्वा व प्रज्ञा नेशनल स्तर पर खेल चुकी है। उन्होंने गोल्ड व सिल्वर मेडल जीते हैं। तनिष्का देवगन ने कलकत्ता में इंटरनेशनल स्तर पर गोल्ड जीता। मेघा शर्मा ने नेशनल में गोल्ड जीता और इंटरनेशनल में प्रतिभागिता की। लॉकडाउन में एकेडमी बंद, तो ऑनलाइन सिखाया :

कोरोना वायरस की वजह एकेडमी बंद रही। इस दौरान भी विकास ने ऑनलाइन कराटे की ट्रेनिग छात्रों को दी। इसके साथ ही उन्हें नियमित योग भी ऑनलाइन सिखाया।


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