पीओपी से बनी गणेश प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग
गणेश चतुर्थी के दौरान पीओपी से बनी मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए जागृति फाउंडेशन के सदस्यों ने सोमवार को सचिवालय में डीसी को ज्ञापन दिया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गणेश चतुर्थी के दौरान पीओपी से बनी मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए जागृति फाउंडेशन के सदस्यों ने सोमवार को सचिवालय में डीसी को ज्ञापन दिया। उन्होंने मांग की है कि पीओपी व केमिकल की बजाय मिट्टी, खाद व गाय के गोबर से प्रतिमाओं का निर्माण करवाया जाए।
जागृति फाउंडेशन के प्रेजिडेंट सुरेंद्र मोहन, वाइस प्रेजिडेंट संदीप दुग्गल, सचिव अमित भाटिया, कोषाध्यक्ष विरेंद्र मित्तल, मुकेश डाबरा ने ज्ञापन में कहा कि गणेश चतुर्थी हर साल देशभर के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। 10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार में भारी मात्रा में अपाशिष्ट उत्पन्न होता है। गणेश जी की मूर्तियां बनाने वाले कारीगर इनमें पीओपी का इस्तेमाल करते हैं। पीओपी को पानी में घुलने में ही कई महीने लग जाते हैं। इसके अलावा मूर्तियों की सजावट में उपयोग किए जाने वाले रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं जिनमें पारा होता है। यह एसिड सामग्री टीडीएस और पानी में धातुओं को बढ़ाता है। यह जलीय पौधों और समुद्री जीवों को मारता है। पानी के तहत पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। गणेश की मूर्तियों के साथ लोग अन्य सामान जैसे थर्माकोल, प्लास्टिक भी डंप करते हैं जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है। इसलिए पीओपी से बनी मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाया जाए। प्राकृतिक मिट्टी, गाय के गोबर व खाद से बनी मूर्तियों को बढ़ावा दिया जाए। इसके अलावा गणपति प्रतिमा स्थापित व विसर्जित करने वालों का रजिस्ट्रेशन करवाया जाए ताकि यमुना नहर किनारे पर किसी तरह के हादसे होने पर जिम्मेदारी तय की जा सके।
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