डिफाल्टरों पर मेहरबानी, बिल रुका है 40 लाख, एक मुश्त देने पर 25 फीसद की ं
पानी व सीवरेज के बकाया बिल न जमा करवाने वाले डिफाल्टरों पर सरकार मेहरबान है।
शैलजा त्यागी, जगाधरी : पानी और सीवरेज के बकाया बिल न जमा करवाने वाले डिफॉल्टरों पर जन स्वास्थ्य एवं अभियंत्रिक विभाग मेहरबान है। शहरी स्थानीय निकाय ने एकमुश्त बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं को 25 फीसद छूट देने के आदेश दिए हैं। योजना का लाभ 31 अगस्त तक बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं को ही मिलेगा।
जगाधरी सब डिविजन में 22 हजार पानी व सीवरेज के कनेक्शन हैं। इनमें से करीब पांच हजार ऐसे हैं, जो बिल जमा नहीं करवाते। विभाग की ओर से हर छह महीने बाद उन्हें बिल भेजा जाता है, बावजूद इसके वह मुफ्त का पानी पी रहे हैं। डिफॉल्टर कनेक्शन धारकों पर 40 लाख रुपये बकाया है। विभाग को हर साल कनेक्शन धारकों से एक करोड़ रुपये राजस्व एकत्रित होता है। डिफॉल्टरों में इंदिरा गांधी पेयजल योजना कनेक्शन धारक ज्यादा
डिफॉल्टर कनेक्शन धारकों में करीब तीन हजार इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत कनेक्शन धारक शामिल हैं। विभाग ने इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत अनुसूचित जाति के लोगों को फ्री कनेक्शन, 200 लीटर की पानी की टंकी महज 10 रुपये प्रति माह के बिल पर मुहैया कराई थी। बाद में विभाग ने नई पॉलिसी के तहत यहां भी फ्लैट रेट कर दिए। जब लोगों के पास फ्लैट रेट से बिल पहुंचने तो उन्होंने भरने ही बंद कर दिए। ज्यादातर परिवार सालों से बिल नहीं भर रहे हैं। लोगों का तर्क भी सही है कि जब 10 रुपये मासिक बिल का भरोसा देकर कनेक्शन दिए गए थे फिर अब वह फ्लैट रेट क्यों चुकाएं। यह हैं पानी के रेट :
रिहायशी क्षेत्र में जिन घरों में पानी लगा हुआ है, उन्हें छह महीने का 360 रुपये पानी व सीवरेज का बिल भेजा जाता है। बिना मीटर वाले उपभोक्ता से 720 रुपये वसूलने का प्रावधान है। वाणिज्यिक कनेक्शन धारक (जिसका मीटर लगा है) से 750 रुपये छह महीने का बिल लिया जाता है, जबकि बिना मीटर धारक से दस गुना यानि 7500 रुपये वसूलने का प्रावधान है। वहीं, विभाग के एक्सईएन पारिक के मुताबिक तय समय तक डिफॅाल्टर कनेक्शन धारकों को बिल जमा करवाने पर लाभ दिया जाएगा।