वायरस के जरिए डाटा चुराकर रंगदारी मांगते हैं साइबर अपराधी
साइबर अपराध में शामिल अपराधी जिस व्यक्ति को टारगेट करते हैं। उसे पहले फ्रॉड ई- मेल भेजते हैं। जिसमें वायरस आरटीएम ट्रोजन व रैनसोमवेयर क्यूटर होता है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : साइबर क्राइम को रोकने के लिए कैस्पर स्काई साइबर सिक्योरिटी ने नए फाइल लॉकर क्यूटर रैनसोमवेयर की पहचान की है। यह एक तरह का वायरस है। जिसे किसी भी लैपटॉप या मोबाइल में साइबर अपराधी भेजते हैं। यह फाइल को इनक्रिप्ट कर देता है। इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की गई है। यह जानकारी एसपी कमलदीप गोयल दी।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के साइबर अपराध में शामिल अपराधी जिस व्यक्ति को टारगेट करते हैं। उसे पहले फ्रॉड ई- मेल भेजते हैं। जिसमें वायरस आरटीएम ट्रोजन व रैनसोमवेयर क्यूटर होता है। इस तरह का अपराध करने वाले ट्रांसपोर्ट व फाइनेंस कंपनियों को निशाना बनाते हैं। वहीं इन कंपनियों तक यह वायरस मेल के जरिए पहुंचाते हैं। फिर सिस्टम को हैक कर साइबर अपराधी रंगदारी मांगते हैं। वह पीड़ित को यह धमकी भी देते हैं कि उसका डाटा रिकवर नहीं हो सकता। रंगदारी न देने पर डाटा को इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते हैं।
इस तरह से बचें
ऑपरेटिग सिस्टम, एप्लीकेशन, सर्वर, ब्राउजर, ब्राउजर प्लगइनस व एंटी- वायरस सॉफ्टवेयर को अप-टू- डेट रखें। जरूरी डाटा या सूचना का नियमित तौर पर अलग डिवाइस में बैकअप लें और बैकअप डाटा को ऑफलाइन स्टोर करें। नेटवर्क पर वेब व ई- मेल फिल्टर लगाकर रखें और बुरे डोमेन, सोर्स व एड्रेस को स्कैन करें। इन संदेशों को प्राप्त होने व डाउनलोड होने से पहले ब्लॉक करें। ई- मेल पर प्राप्त लिक व अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचें। यदि किसी के साथ इस तरह की वारदात होती है, तो वह पुलिस को सूचना दें।